नयी दिल्ली, 06 दिसम्बर (वार्ता) कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार के पास कोई जवाब नहीं है इसलिए भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने ध्यान हटाने के लिए लोकसभा में हंगामा किया और विपक्ष की बात नहीं सुनी गयी।
कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य अमी याज्ञनिक, लोकसभा सदस्य एस ज्योतिमणि तथा डॉ़ रागिनी नायक ने शुक्रवार को संसद भवन में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुबह लोकसभा में जब उन्नाव बलात्कार का मामला उठा तो सत्ता पक्ष ने इसे राजनीतिक रूप देने का प्रयास किया। सत्ता पक्ष के लोग बेवजह हंगामा करते रहे और मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया गया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ भाजपा शासित राज्यों में ज्यादा अपराध हो रहे हैं। अपराध के आंकड़े मांगे जाते हैं तो दिए नहीं जाते हैं। कई प्रयास करने पर 2017 के आंकड़े मिले हैं जो बहुत चौंकाने वाले हैं। इसमें कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ उस साल में साढे तीन लाख अपराध के मामले दर्ज किए गए। यानी हर दिन औसतन एक हजार अपराध के मामले हो रहे हैं।
भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा अपराध होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 में 56011 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह से तब के भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश में महिला अपराध के 25900, राजस्थान में 29700, हरियाणा में 11377 मामले दर्ज हुए। दिल्ली में 2019 में बलात्कार के 1947 मामले दर्ज हुए हैं जबकि हरियाणा में 1300 मामले दर्ज किए गए हैं। बिहार तथा भाजपा शासित अन्य राज्यों के आंकड़े भी दहशत फैलाने वाले हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार महिलाओं के बारे में सिर्फ लुभावने नारे देती है जबकि जमीनी हकीकत इसके एकदम उलट है। यहां तक कि निर्भया योजना के तहत महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए कदम उठाने के वास्ते 3600 करोड रुपए आवंटित हुए लेकिन सरकार ने सिर्फ 800 करोड रुपए ही खर्च किए। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है इसलिए देश में हो रही बलात्कार की घटनाओं पर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री तथा भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कुछ नहीं बोलते हैं।
अभिनव जितेन्द्र
वार्ता