नयी दिल्ली, 28 जनवरी (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमला सहित अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश एवं अन्य संबंधित पहलुओं पर सुनवाई 10 दिन में पूरा करने का मंगलवार को संकेत दिया।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि नौ-सदस्यीय संविधान धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश विभिन्न संबंधित पहलुओं पर 10 दिन में सुनवाई पूरी कर लेगी। अगर कोई और वक्त चाहेगा तो भी समय नहीं दिया जाएगा।
पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया कि जिन सवालों पर विचार किया जाएगा, वे पूरी तरह से कानूनी प्रकृति के होंगे और सुनवाई पूरी करने में अधिक समय नहीं लगेगा।
पीठ ने यह समय सीमा उस वक्त निर्धारित की जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष इस मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अदालत के पूर्व में दिए गए आदेश पर अमल करने को लेकर वकीलों की एक बैठक हुई, लेकिन नौ न्यायाधीशों की पीठ के विचार विमर्श के लिए कानूनी सवालों को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका।
शीर्ष अदालत मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश, दाउदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं का खतना सहित विभिन्न पहलुओं पर विचार करेगी।
सुरेश जितेन्द्र
वार्ता