दावोस 23 जनवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक निवेशकों को देश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुये आज कहा कि उनकी सरकार ने लाल फीताशाही समाप्त कर निवेशकों के लिए ‘रेड कार्पेट’ बिछाया है और वे समृद्धि के साथ शांति चाहते हैं तो उन्हें भारत का रुख करना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने यहाँ विश्व आर्थिक मंच की 48वीं बैठक के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि सरकार ने आर्थिक और सामाजिक नीतियों में आमूलचूल परिवर्तन किया है। उन्होंने देश के दरवाजे विदेशी निवेशकों के लिए खोलने और कारोबार की आसानी के लिए उठाये गये विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुये कहा कि सरकार के निर्भीक और असरदार कदमों से स्थितियाँ पूरी तरह बदल गयी हैं।
श्री मोदी ने कहा कि लाल फीताशाही हटाकर निवेशकों के लिए ‘रेड कार्पेट’ बिछाया गया है। अधिकतर क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दरवाजे खोल दिये गये हैं। कारोबार, प्रशासन और कामकाज में रोड़े अटकाने वाले 1400 से अधिक कानूनों को समाप्त कर दिया गया है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में एकीकृत कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू कर दी गयी है।
उन्होंने वैश्विक निवेशकों से कहा “मैं आप सबका आह्वान करता हूं कि अगर आप ‘वेल्थ’ के साथ ‘वेलनेस’ चाहते हैं, तो भारत में काम करें। अगर आप ‘हेल्थ’ के साथ जीवन की ‘होलनेस’ यानि समग्रता चाहते हैं तो भारत में आयें। अगर आप ‘प्रॉसपेरिटी के साथ ‘पीस’ (शांति) चाहते हैं तो भारत में रहें। आप भारत आएं, भारत में हमेशा आपका स्वागत होगा।”
श्री मोदी ने कहा “हम अपनी आर्थिक और सामाजिक नीतियों में केवल छोटे-मोटे सुधार ही नहीं कर रहे, बल्कि आमूलचूल रूपांतरण कर रहे हैं। हमने जो रास्ता चुना है वह रास्ता है रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म। हम अपनी अर्थव्यवस्था को जिस प्रकार से निवेश के लिए सुगम बना रहे हैं उसका कोई सानी नहीं है। इसीका नतीजा है कि आज भारत में निवश करना, भारत की यात्रा करना, भारत मे काम करना, भारत में विनिर्माण करना और भारत से अपने उत्पादों और सेवाओं का निर्यात करना, सभी कुछ पहले की तुलना में बहुत आसान हो गया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने लाइसेंस परमिट राज को जड़ से खत्म करने का प्रण लिया है। ‘रेड टेप’ हटाकर हम ‘रेड कार्पेट’ बिछा रहे हैं। अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्र प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोल दिये गये हैं। लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्रों में स्वत: मंजूरी रूट से निवेश की अनुमति दी गयी है। तीन साल के भीतर 1,400 से अधिक ऐसे कानूनों को समाप्त किया गया है जो कारोबार में, प्रशासन में और आम इंसान के रोजमर्रा के काम-काज में अड़चन डाल रहे थे।
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अजीत उनियाल
वार्ता