भारतPosted at: Nov 29 2021 9:58PM सरकार का अधिनायकवादी चेहरा सामने आया: माकपा
नयी दिल्ली 29 नवंबर (वार्ता) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ( माकपा) ने कहा है कि राज्यसभा के 12 सांसदों को निलंबित करने के मामले में सरकार का अधिनायकवादी चेहरा सामने आया है।
पार्टी की राष्ट्रीय परिषद के सचिव पार्टी के संसदीय दल के नेता और राज्यसभा सांसद विनय विस्वम ने सोमवार को यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि राज्यसभा के मौजूदा सत्र से 12 सांसदों को निलंबित करने से सरकार का अधिनायकवादी और तानाशाही चेहरा सामने आ गया है।
राज्यसभा में आज सदन के सत्र 254 के दौरान की एक घटना को लेकर श्री विस्वम समेत 12 सांसदों को सदन की बाकी सत्र अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया।
पार्टी ने कहा है कि 11 अगस्त की उस घटना के लिए सरकार का रवैया जिम्मेदार है । सरकार ने कृषि , पेगासस, महंगाई, बैंकों और बीमा क्षेत्र के निजीकरण जैसे चंद हित के मुद्दों पर चर्चा करने से इंकार कर दिया था। विपक्ष ने इन राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए सभी लोकतांत्रिक और संसदीय तरीकों का इस्तेमाल किया लेकिन सरकार ने उन्हें ध्वस्त कर दिया।
माकपा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ तो खुली चर्चा की बात करते हैं और दूसरी तरफ तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से संबंधित विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया जाता है। पार्टी ने कहा है कि 12 सांसदों का निलंबन वास्तव में विरोध और असंतोष को दबाने और जनप्रतिनिधियों को जनहित से जुड़े मुद्दे उठाने से रोकने की कोशिश है।
सत्या टंडन
वार्ता