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सरकार विकास में सबसे पीछे और नीचे हैं, उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: शिवराज

भोपाल, 28 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जो विकास में सबसे पीछे और सबसे नीचे हैं, उनका कल्याण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है।
श्री चौहान सहरिया, बैगा तथा भारिया जनजातियों की महिलाओं को आहार अनुदान योजना के अंतर्गत आहार भत्ते की राशि सिंगल क्लिक से अंतरण के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संबोधित कर रहे थे। मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से 2 लाख 19 हजार 258 हितग्राहियों के खाते में 21 करोड़ 92 लाख 58 हजार रूपए की राशि अंतरित की। इस मौके पर जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह तथा प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल भी उपस्थित थीं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा बातचीत भी की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी खजाने पर भी पहला हक इन वर्गों का है। जनजातीय समाज मूलत: सीधे-सरल लोगों का समाज है, जो‍ विकास की दौड़ में पीछे रह गए। धरती के हर संसाधन पर जितना हक दूसरों का है, उतना ही पिछड़ी जनजातियों का भी है। इसीलिए आपके हक का पैसा आपके खाते में भेज रहे हैं।
श्री चौहान ने आहार अनुदान योजना के प्रभाव आंकलन पर अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल द्वारा कराए गए अध्ययन पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार द्वारा अति पिछड़ी जनजातियों को आहार अनुदान राशि का भुगतान नहीं किया गया था। हमने सरकार का गठन होते ही सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति की महिलाओं को आहार अनुदान की राशि उनके खाते में जारी करना आरंभ कर दिया है। इस वर्ष अब तक 2 लाख 22 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में 226 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित की जा चुकी है। अब प्रतिमाह इन खातों में राशि जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार को जनजातीय भाइयों और बहनों की विशेष चिंता है। हमें गरीब के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था करनी है। बच्चों की पढ़ाई-लिखाई हो या दवाई की व्यवस्था, रोजगार के अवसर हो या राशन की व्यवस्था या फिर सबके लिए पक्के मकान बनाने का विषय हो, राज्य शासन हर पहलू पर लगातार कार्य कर रहा है।
श्री चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को जेईई, नीट और क्लेट जैसी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग और चयन पर आर्थिक सहायता की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के प्रत्येक व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड बनवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में हर घर में नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने भारिया, बैगा और सहरिया बहनों को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इससे आय में वृद्धि के रास्ते खुलेंगे, जिसका उपयोग बहनें अपने परिवार के बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा में कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि जनजातीय परिवारों की आय में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। साहूकारों के शोषण से मुक्त कराने के लिए कानून बना दिया गया है। प्रदेश के अधिसूचित क्षेत्रों में साहूकारों द्वारा जनजातीय भाइयों-बहनों को नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किए बिना जो ऋण दिए गए हैं उन्हें अब नहीं चुकाना होगा।
मुख्यमंत्री ने आहार अनुदान राशि का अपने और अपने परिवार के लिए सदुपयोग करने का आव्हान किया। श्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिवपुरी, मण्डला, छिंदवाड़ा जिले के हितग्राहियों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे सहरिया बहुल ग्राम सेसई सड़क भी गए हैं, बैगाचक भी गए और पातालकोट भी। बैगाओं की संवेदनशीलता अद्भुत है। वे इसलिए हल नहीं चलाते कि पृथ्वी माँ के सीने में घाव हो जाए। भारिया जनजाति के साफ-स्वच्छ घरों का आकर्षण अदभुत है और सहरिया तो शेर के साथ रहने वाली जनजाति है।
श्री चौहान ने कहा कि उनकी एक बार फिर पातालकोट आने की इच्छा है। छिंदवाड़ा की सावित्री बाई ने चर्चा में बताया कि वे मजदूरी करती हैं। योजना के तहत नियमित रूप से राशि प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पातालकोट की यात्रा के बाद ही आहार अनुदान योजना पर विचार आरंभ हुआ था।
श्री चौहान ने शिवपुरी जिले के ग्राम सेसई सड़क की सुमित्रा बाई सहरिया से बातचीत में घर-परिवार, आय के स्त्रोत, बच्चों की पढ़ाई और शासकीय योजनाओं के संबंध में जानकारी ली। अन्य उपस्थित व्यक्ति द्वारा वार्तालाप के बीच जानकारी देने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह 'भाई-बहन के बीच बातचीत है - बीच में कोई नहीं बोलेगा'। श्री चौहान ने सुमित्रा बाई को कहा कि यह पैसा विशेष रूप से परिवार की पोषक सामग्री के लिए दिया जा रहा है। पैसे का सदुपयोग करें और परिवार के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
श्री चौहान से मण्डला जिले की ग्राम पंचायत देवदरा की सीमा भारतिया ने चर्चा में बताया कि वे मण्डला जाकर मजदूरी करती हैं। उनके तीन बच्चे हैं, जो कक्षा 9वीं, 10वीं में पढ़ रहे हैं। सीमा ने बताया कि आहार अनुदान योजना से परिवार के भरण-पोषण में मदद मिली है। राशन कार्ड नहीं है-यह सुनकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल सीमा भारतिया का राशन कार्ड बनवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार देवदरा मण्डला की ही मुन्नी बाई से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने प्राथमिकता पर आवास निर्माण के निर्देश दिए।
बघेल
वार्ता
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