राज्य » पंजाब / हरियाणा / हिमाचलPosted at: Feb 28 2020 11:14PM सरकारी स्कूल बंदी के खिलाफ अध्यापकों ने किया प्रदर्शनजींद, 28 फरवरी (वार्ता) हरियाणा में विद्यार्थियों की कम संख्या का हवाला देते हुए सरकारी स्कूल बंद किये जाने के सिलसिले के खिलाफ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले अध्यापकों ने आज प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रधान हैप्पी मोर ने किया। प्रदर्शन खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, उचाना कलां में किया गया। बाद में अध्यापकों ने खंड शिक्षा अधिकारी कल्याण सिंह चहल को शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुज्जर के नाम ज्ञापन सौंपा। श्री मोर ने आरोप लगाया सरकार विद्यार्थियों की कम संख्या के नाम पर स्कूलों को बंद कर रही है, जो ‘सब पढ़ें, सब बढ़ें‘ अभियान व शिक्षा अधिकार अधिनियम के विरूध है। उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व बनता है कि एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और जिस स्कूल में छात्र संख्या कम है वहां कारणों का पता लगा उसे दूर करना चाहिए, उस गांव में विशेष अभियान चला कर लोगों को राजकीय स्कूल में अधिक से अधिक दाखिला के लिए जागरूक करना चाहिए। जिला प्रधान साधुराम ने कहा कि दिल्ली की तर्ज पर शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने हैं तो शिक्षा शिक्षकों के हवाले की जाए और शिक्षकों से अन्य कोई काम न लिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग में 100 से भी अधिक एनजीओ काम कर रहे हैं, जिनकी किसी प्रकार की कोई जवाबदेही नहीं होती है और ना ही कोई शिक्षा सुधार का ही कार्य होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल शिक्षा का बजट हड़पने का ही कार्य करते हुए प्रतीत होते हैं। उन्होंने मांग की कि शिक्षा विभाग का कोई भी कार्य किसी भी एनजीओ से नहीं कराया जाए। श्री साधुराम ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की चलाई जा रही सक्षम परीक्षा बच्चों पर बोझ बढ़ाने के अलावा और कुछ नहीं है। सक्षम के नाम पर अध्यापकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। सक्षम परीक्षा में अध्यापकों की ड्यूटी एक ब्लॉक से दूसरे ब्लॉक में लगाए जाने का विरोध भी अध्यापक संघ ने पुरजोर तरीके से किया। अध्यापक संघ ने जो अन्य मांगें कीं उनमें पिछले दो साल से नियमित रूप से न मिल रहीं बच्चों की प्रोत्साहन राशियां जारी करना, जेबीटी अध्यापकों के कंफर्मेशन अप टू डेट करना शामिल थीं। सं महेश विक्रमवार्ता