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सहकारिता अमीरों और गरीबों के बीच खाई पाटे :राधामोहन

नयी दिल्ली 14 नवंबर (वार्ता) कृषि मंत्री राधामोहन सिंह सहकारी समितियों से अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को पाटने के लिए आगे आने की अपील की है ।
श्री सिंह ने आज यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की ओर 65 वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूंजीवाद और साम्यवाद अमीरों और गरीबों के बीच की खाई को नहीं पाट सका लेकिन सहकारिता प्रजातांत्रिक मूल्यों पर आधारित संस्था है जो जनहित में काम करती है। निजी उद्यमी का ध्यान केवल अपने लिए लाभ अर्जित करने पर होता है जबकि सहकारिता में लाभ सदस्यों के बीच बांटा जाता है ।
उन्होंने कहा कि सहकारिता दूध और मत्स्य उद्योग में पूरी तरह सफल रहा है और पारदर्शी व्यवस्था तथा सुशासन से यह अन्य क्षेत्रों में भी सफल हो सकता है । उन्होंने कहा कि सहकारिता भारतीय संस्कृति में जबकि दुनिया में इसे कानून के माध्यम से लागू किया गया है ।
कृषि मंत्री ने सहकारी समितियों को उद्यम बनाने पर जोर देते हुए कहा कि समय में बदलाव आया है और इसके अनुरुप सकारिता को ढालना होगा । देश में करीब आठ लाख सहकारी समितियां हैं जिनमें से काफी अच्छे काम कर रही हैं और वे किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं ।
अरुण अर्चना
जारी वार्ता
राधामोहन सहकारिता दो अंतिम नयी दिल्ली
श्री सिंह ने कहा कि सरकारिता क्षेत्र को सरकार हर संभव सहायता देने का प्रयास कर रही है । वित्तीय संकट का समना कर रहे नेफेड को बचालिया गया है । किसानों से फसलों की खरीद करने वाली इस संस्था के बजट को 300 करोड़ रुपये से बढाकर 15000 करोड़ रुपये का कर दिया गया है । इसके साथ ही सरकार ने इसके लिए 45000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी दी है ।
उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुड़ी योजनाओं के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के साथ साथ अन्य राज्यों को भी आर्थिक मदद दी जा रही है ।
इस अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष और सांसद चन्द्रपाल सिंह यादव ने कहा कि कुछ सहकारी समितियों की प्रशासनिक व्यवस्था ठीक नहीं होने तथा व्यावसायिक ढंग से काम नहीं करने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ।
श्री यादव ने कहा कि एक समय सहकारिता समितियां कृषि क्षेत्र में 75 प्रतिशत रिण देती थी जो अब घटकर 15-16 प्रतिशत रह गयी है । बैंक हावी हो गये हैं और वे किसानों का शोषणप कर रहे हैं । उन्होंने राष्ट्रीय सहकारी नीति बनाने पर भी जोर दिया ।
भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक के जी सुरेश ने कहा कि मीडिया और सहकारिता हाथ मिलाये तो क्रांति हो सकती है । सहकारिता की सफलता के लिए संवाद होना जरुरी है । उन्होंने कहा कि उनका संस्थान सहकारिता के क्षेत्र में जागरुकता बढाने के लिए काम करेगा । अ
अरुण
वार्ता
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