खेलPosted at: Oct 31 2020 9:48PM हैंडबाल फेडरेशन के संविधान में संशोधन को मंजूरी, अब कार्यकाल तीन साल का होगा
लखनऊ, 31 अक्टूबर (वार्ता) पिछले दिनों हैंडबाल फेडरेशन ऑफ इंडिया (एचएफआई) के पदाधिकारियों के बीच वर्चस्व को लेकर हुये टकराव के मद्देनजर शनिवार को विशेष साधारण सभा (एसजीएम) की बैठक में एचएफआई के संविधान में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।
एचएफआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा.प्रदीप बालामुची की अध्यक्षता में हुयी बैठक के एजेंडे में कई अन्य महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी गई। इन संशोधनों के क्रम में अब नई कार्यकारिणी में सीईओ का पद नहीं हेागा। सीईओ पद के अधिकार अब एचएफआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं महासचिव के बीच में बांट दिए गए है।
एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन में फेडरेशन के पदाधिकारियों का कार्यकाल चार साल की बजाय रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज की गाइडलाइंस के अनुसार तीन साल करने को मंजूरी दी गई। साथ ही कार्यकारिणी समिति को ये अधिकार दिए गए कि वो व्यक्तिगत विवादों को सुलझाने के लिए हस्तक्षेप कर सकती है।
एचएफआई के महासचिव आनंदेश्वर पांडेय ने बताया कि हैंडबाल प्रीमियर लीग के सुचारू आयोजन के लिये लीग चेयरमैन का पद सृजित किया गया है जो लीग की प्रमोटर कंपनी के साथ भव्य आयोजन की दिशा में काम करेगा। इसी के साथ रजिस्ट्रार ऑफ सोसायटीज के मानक के अनुसार कार्यकारिणी पदों की संख्या 23 के स्थान पर 21 कर दी गयी है। इस संशोधन का मकसद ये है कि सभी को निष्पक्ष चुनाव का अवसर मिले जबकि ज़ोन का प्रतिनिधित्व करने की अनिवार्यता को संविधान से हटा दिया गया है।
बैठक में हैंडबाल के ग्रास रूट लेवल पर विकास के लिए एक समर्पित हैंडबाल डेवलपमेंट कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी में चेयरमैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष-प्रशासन व भारतीय हैंडबाल के जनरल मैनेजर शामिल होंगे।
प्रदीप राज
जारी वार्ता