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हिमाचल में जल के उपयोग में अपने व्यवहार में लाएं आवश्यक बदलावः सुक्खू

शिमला 22 मार्च (वार्ता) विश्व जल दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को यहां राज्य स्तरीय समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में जल के महत्व के दृष्टिगत जल संरक्षण के महत्व को समझने तथा इस बारे में सामुदायिक जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
श्री सुक्खू ने कहा कि विश्व जल दिवस के अवसर पर सभी लोगों को जल और स्वच्छता संकट के समाधान की दिशा में कार्य करने की भी आवश्यकता है। इस वर्ष के विश्व जल दिवस का विषय ‘एक्सलरेटिंग चेंज’ रखा गया है। उन्होंने जल के उपयोग और प्रबंधन के हमारे प्रतिदिन के तौर-तरीकों में बदलाव का आह्वान करते हुए कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत जनसंख्या को पीने के पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हमें जल की प्रत्येक बूंद बचानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों, कम या असमय बारिश और हिमपात के परिणामस्वरूप प्राकृतिक जलस्रोत सूख रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण जल संसाधनों के संरक्षण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नदियों का जल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए हमें ‘हरित उपाय’ अपनाने पर विशेष बल देना होगा ताकि हिमालय के ग्लेशियर और पारिस्थितिकी तंत्र पर ग्लोबल वार्मिंग का कम से कम प्रभाव पड़े।
उन्होंने जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली को गति प्रदान करने के लिए आधुनिक तकनीक और बदलाव को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यूवी तकनीक के माध्यम से लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने की योजना बना रही है। राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल को ‘हरित ऊर्जा राज्य’ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हरित हाइड्रोजन से संबंधित एक महत्वपूर्ण समझौता शीघ्र ही होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सशक्त हिमाचल बनाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन और कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को फिर से आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने के लिए नियमों इत्यादि में आवश्यकतानुसार बदलाव की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि आगामी दस वर्षों में हिमाचल विकसित और आर्थिकी रूप से आत्मनिर्भर राज्य बनकर उभरेगा।
सं.संजय
वार्ता
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