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हिसार के कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित होगी प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी

हिसार, 25 मई (वार्ता) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में प्रदेश की पहली सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी की स्थापना होगी।
यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के.पी. सिंह ने एग्री बिजनेस इन्क्यूबेशन सेंटर में पत्रकारों को आज दी। उन्होंने बताया कि इसके लिए हरियाणा सरकार ने विश्वविद्यालय को इसकी अनुमति प्रदान की है। यह एजेंसी हरियाणा जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी (होका) के रूप में जानी जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह सोसाइटी एक राज्य सहायता प्राप्त जैविक उत्पाद प्रमाणीकरण के रूप में काम करेगी। विश्वविद्यालय ने हरियाणा पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2012 (हरियाणा अधिनियम संख्या नं. 1, 2012) के तहत होका का सोसायटी के रूप में पंजीकरण करवा लिया है। उन्होंने बताया कि कुलपति सोसाइटी के पदेन अध्यक्ष / अध्यक्ष तथा दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केन्द्र के नियन्त्रण अधिकारी इसके सदस्य सचिव होंगे।
प्रो. के.पी. सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद् निर्यात विकास प्राधिकरण (ए.पी.ई.डी.ए.), वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार से होका को मान्यता दिलाने के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इसके बाद प्रदेश व हरियाणा से बाहर जैविक उत्पादों के विपणन व निर्यात में कोई बाधा नहीं आएगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले हरियाणा राज्य में कोई भी सरकारी जैविक प्रमाणीकरण एजेंसी नहीं थी । इसलिए किसानों को थर्ड पार्टी प्रमाणीकरण निजी प्रयोगशालाओं तथा अन्य राज्यों की एजेंसियों पर निर्भर रहना पड़ता था, जिसके कारण प्रदेश के कई किसान अपने जैविक उत्पाद् का परीक्षण नही करवा पाते थे व जैविक प्रमाणीकरण प्रमाणपत्र न होने के कारण उन्हें अपना जैविक उत्पाद् सामान्य श्रेणी के उत्पाद् के अनुसार कम मूल्य में बेचना पड़ता था। अब इस संस्था के स्थापित होने पर प्रदेश के किसानों को जैविक उत्पाद़ प्रमाणीकरण से जुड़ी सभी जानकारियों का समय पर पता चल पायेगा और वे अपने जैविक उत्पादों को उचित मूल्य पर बेच पायेंगे, साथ ही राज्य के नागरिकों को शुद्ध जैविक खाद्य उत्पाद् प्राप्त होंगे और उनका विश्वास प्रदेश के किसानों में बढ़ेगा।
सं महेश विजय
वार्ता
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