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हरियाणा में पांच नगर निगमों और दो नगरपालिकाओं के लिये चुनावों की घोषणा

चंडीगढ़, 22 नवम्बर(वार्ता) हरियाणा में पांच नगर निगमों और दो नगरपालिकाओं के लिये आगामी 16 दिसम्बर को चुनाव कराए जाएंगे तथा इनमें मतदाता ‘नोटा‘ का भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
राज्य चुनाव आयुक्त दलीप सिंह ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में चुनावों का कार्यक्रम जारी करते हुये कहा कि ये चुनाव इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर होंगे। उन्होंने बताया कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार नगर निगमों के महापौर का सीधा चुनाव होगा। इससे पूर्व निर्वाचित पार्षदों द्वारा ही महापौर का चुनाव किया जाता था।
डॉ0 सिंह के अनुसार ये चुनाव हिसार, रोहतक, यमुनानगर, पानीपत और करनाल नगर निगमों तथा जाखल मंडी (फतेहाबाद) और पुंडरी(कैथल) नगरपालिकाआें के लिये कराए जा रहे हैं तथा इन क्षेत्रों में आज से आचार संहिता लागू हो गई है। एक से छह दिसम्बर तक नामांकन दाखिल किये जा सकेंगे तथा सात दिसम्बर को इनकी जांच होगी। आठ दिसम्बर को नामांकन वापिस लिये जा सकेंगे तथा इसके बाद मैदान में बचे शेष उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह आबंटित किये जाएंगे। मतदान 16 दिसम्बर को सुबह 7.30 बजे से लेकर सायं 4.30 बजे तक होगा। अठारह दिसम्बर को अगर जरूरत पड़ी तो पुनर्मतदान होगा। उन्नीस दिसम्बर को सुबह आठ बजे से मतों की गिनती शुरू होगी तथा उसी दिन परिणाम घोषित कर दिये जाएंगे।
उन्होंने बताया कि कुल 136 वार्डों में 1292 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इन चुनावों में कुल 14,01,157 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे जिनमें 7,46,126 पुरूष तथा 6,55,021 महिला तथा दस ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं। करनाल नगर निगम का महापौर पद महिला तथा पानीपत नगर निगम के महापौर का पद पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार, जाखल मंडी (फतेहाबाद) और पुंडरी(कैथल) नगरपालिका के प्रधान का पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। नगर निगम हिसार, रोहतक और यमुनानगर के महापौर के पद अनारक्षित हैं।

डा0 सिंह ने कहा निकाय चुनावों में खर्च का समय पर ब्यौरा जमा न कराने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव आयोग अब कड़ी कार्रवाई करेगा। गत चुनावों के खर्च का विवरण निर्धारित अवधि में न देने पर आयोग ने हिसार, रोहतक, पानीपत, यमुनानगर, और करनाल नगर निगमों के 531 उम्मीदवारों को इस बार का चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार चुनाव परिणाम के एक महीने के भीतर अपने चुनावी खर्च का विवरण अपने जिला के उपायुक्त या राज्य चुनाव आयोग द्वारा नामित अधिकारी के समक्ष जमा नहीं कराता है तो वह अगले पांच साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य होगा। यह अवधि पहले तीन साल की थी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में निकाय चुनाव लड़ने वालों में हिसार के 113, करनाल के 128, पानीपत के 95, रोहतक के 100 तथा यमुनानगर के 95 उम्मीदवारों के अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा उपायुक्त को नहीं देने पर इन सभी को चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित का दिया गया है। नगरपालिका सदस्य के लिये दो लाख, नगर निगम सदस्य के लिये पांच लाख तथा महापौर चुनाव के लिये खर्च सीमा 20 लाख रूपए निर्धारित की गई है।
रमेश1703वार्ता
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