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ग्लोबल पीस लीडरशिप कान्फ्रेस - इंडो-पैसिफिक 2023 का आयोजन किया गया

नयी दिल्ली 14 अप्रैल (वार्ता) ग्लोबल पीस लीडरशिप कॉन्फ्रेंस इंडो-पैसिफिक 2023 (जीपीएलसी 2023) का आयोजन 11-13 अप्रैल, 2023 को नयी दिल्ली के ली मेरिडियन और रॉयल प्लाजा होटलों में किया गया। इसमें 1,000 से ज्यादा छात्रों, राजदूतों और शांति निर्माताओं ने वर्चुअल और व्यक्तिगत रूप से हिस्सा लिया। सम्मेलन का विषय ‘वसुधैव कुटुम्बकम: मानव चेतना और शांति को आगे बढ़ाने के लिए विजन’ था।
ग्लोबल पीस फाउंडेशन इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मार्कंडेय राय ने कहा कि हमें पृथ्वी का मित्र बनना चाहिए शत्रु नहीं क्योंकि प्रकृति में बहुत शक्ति है और हम पृथ्वी के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम" एक लक्ष्य है लेकिन इस प्रक्रिया में चार घटक हैं, युवा सशक्तिकरण, 2. मूल्य शिक्षा, 3. मूल्य-आधारित शांति व 4. पर्यावरण संरक्षण। उन्होंने कहा कि ये चार अवयव मानव चेतना और शांति को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय वक्ताओं और स्थानीय राजदूतों ने भी उच्च पूर्ण सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें स्थानीय नृत्य प्रदर्शन, शांति और शांति को बढ़ावा देने के लिए ध्यान और सिविल (सी20) की प्रतिनिधि संत माता अर्मिताानंदमयी, राजदूत विजय नांबियार, और सी20 के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न वक्ताओं ने टिप्पणियां की और वक्तव्य दिए।
ग्लोबल पीस फाउंडेशन के चेयरमेन डॉ. ह्यून जिन प्रेस्टन मून ने उच्च पूर्ण सत्र का समापन करते हुए कहा कि मुझे आशा है कि सभी लोग अपने-अपने प्रभाव क्षेत्र में शांति निर्माता बनेंगे और वैश्विक शांति के महान आंदोलन में हमारे साथ शामिल होंगे। डॉ. मून ने शांति के महत्व पर बल देते हुए महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला का उदाहरण दिया।
माता अमृतानंदमयी देवी इसमें वर्चुअल रूप से शामिल हुईं और कहा कि हमें लोगों को निस्वार्थ और करुणामय होने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने बुरी विचारधाराओं का विरोध करने और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने का आग्रह किया।
राजदूत वीरेंद्र गुप्ता कहा कि युद्धों को रोकने के पारंपरिक तरीके अप्रभावी साबित हुए हैं, और हमें एक मजबूत और शांतिपूर्ण विकल्प तलाशना चाहिए।
राजदूत विजय नांबियार ने संघर्ष की प्रकृति पर एक गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि सच्चाई को छिपाने के लिए इसका उपयोग प्रायः कैसे किया जाता है।
स्वामी चिदानंद सरस्वती ने 21वीं सदी में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सार पर बल दिया और सभी को प्रेम, शांति और सद्भाव के साथ मिलकर चलने के लिए प्रोत्साहित किया।
ग्लोबल पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष जेम्स पी. फ्लिन ने कहा कि हमारा ध्यान भविष्य के लिए तैयार रहने के लिए आवश्यक कदमों की ओर होना चाहिए।
जीपीएलसी 2023 की शुरुआत यूथ सस्टेनैथॉन: लीप हब चैलेंज 2023 के उद्घाटन के साथ हुई, जहां मानव रचना विश्वविद्यालय के छात्रों ने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए अभिनव समाधानों को प्रस्तुत किया।
अंतिम दिन,‘नई दिल्ली घोषणापत्र’ पर वहां उपस्थित लोगों ने व्यक्तिगत रूप से और वर्चुअल रूप में हस्ताक्षर किया।
ग्लोबल पीस लीडरशिप कॉन्फ्रेंस इंडो-पैसिफिक 2023 का आयोजन ग्लोबल पीस फाउंडेशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद, मानव रचना यूनिवर्सिटी और युवसत्ता यूथ फॉर पीस के सहयोग से किया गया। भारत में इससे पूर्व जीपीएलसी का आयोजन 2014 में नयी दिल्ली में किया था।
ग्लोबल पीस फाउंडेशन ने अब तक जीपीएलसी का आयोजन मलेशिया, फिलीपींस, नेपाल, इंडोनेशिया, भारत, दक्षिण कोरिया, नाइजीरिया, मंगोलिया, तंजानिया, युगांडा, उत्तरी आयरलैंड, ब्राजील और संयुक्त राज्य अमेरिका आदि देशों में किया है।
अभय. श्रवण
वार्ता
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