राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Mar 13 2025 10:08PM पक्ष-विपक्ष के विधायक मिल कर करें विकास में सहयोग : यादवभोपाल, 13 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ मोहन यादव ने आज कहा कि राज्य विधानसभा की व्यवस्था लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अपनी बात रखते और विपक्ष की बात सुनते हुए संचालित हो रही है और पक्ष-विपक्ष के विधायक मिल कर विकास में सहयोग करें।डॉ यादव विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण पर प्रस्तुत हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पर पिछले दिनों में हुई चर्चा का उत्तर दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप अपनी बात रख, विपक्ष का मत सुनते और उसका उपयुक्त उत्तर देते हुए मध्यप्रदेश विधानसभा की व्यवस्था संचालित हो रही है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का विधानसभा में नई परम्पराएं और व्यवस्था स्थापित करने के लिए आभार मानते हुए कहा कि बदलते दौर में समय के महत्व को पहचानते हुए व्यवस्थाओं में बदलाव आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण नए लक्षण और रणनीतियों को समाहित करते हुए हमारे प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य का रोडमैप है। अभिभाषण में महात्मा गांधी की विश्व दृष्टि, भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की सोच और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास दृष्टि का समावेश है। डॉ. यादव ने कहा कि वर्ष 2003 से 2023 तक सुशासन, प्रभावी नीतियों और विकासोन्मुखी योजनाओं के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। वर्ष 1960 में, मध्यप्रदेश की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की 80 प्रतिशत थी, लेकिन, कुशासन, कमजोर नीतियों और अर्थिक कुप्रबंधन के चलते 2003 तक यह घटकर मात्र 60 प्रतिशत रह गई। राज्य की आर्थिक विकास दर वर्ष 2002-03 तक 4.43 प्रतिशत थी जो वर्तमान में 11.05 प्रतिशत हो गई है। राज्य की जीडीपी वर्ष 2002-03 में 71 हजार 594 करोड़ थी जो अब 15 लाख 3 हजार 395 करोड़ हो गई है। इसी प्रकार प्रति व्यक्ति आय तब 11 हजार 718 रुपए वार्षिक थी, जो अब बढ़कर एक लाख 52 हजार 615 रुपए वार्षिक हो गई है। प्रदेश, देश की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले प्रदेशों में से एक है। कृषि क्षेत्र का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 44 प्रतिशत योगदान है। प्रदेश का वर्ष 2002-03 का बजट मात्र 23 हजार एक सौ 61 करोड़ रुपए का था जबकि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2025-26 का 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तुत किया है। अगले पांच वर्षो में राज्य का बजट दोगुना किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नीति आयोग के राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में मध्यप्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। यह हम सबके लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान 3.14 लाख करोड़ के विरूद्ध सभी विभागों द्वारा कुल व्यय 3.04 लाख करोड़ का व्यय हुआ है, जो लगभग 97 प्रतिशत है। वर्ष 2024-25 में कुल बजट का 76 प्रतिशत व्यय सभी विभागों द्वारा किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की औद्योगिक विकास दर वर्ष 2002-03 में 0.06 प्रतिशत थी जो वर्ष 2024 में 24 प्रतिशत हुई है, पिछले 20 वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक क्रांति हुई है। कई बड़े उद्योग यहां स्थापित हुए हैं। प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए 18 निवेश नीतियां लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्टार्ट-अप नीति, एमएसएमई, सहित हर स्तर पर उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पक्ष-विपक्ष के विधायकों से अपने-अपने क्षेत्र में उद्योग के विकास के लिए सहयोगी और प्रोत्साहन के भाव से कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर विकास समितियों का गठन करने का निर्णय भी लिया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से उद्योगपतियों को 14 विभागों से संबंधित 54 सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सुशासन की अवधारणा को साकार करने के लिए चार मिशन क्रमश: गरीब कल्याण, युवा कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तिकरण आरंभ किए हैं। प्रदेश की कृषि विकास दर वर्ष 2002-03 में मात्र तीन प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 10.8 प्रतिशत हो गई है। फसल बीमा योजना के अंतर्गत वर्ष 2002-03 में मात्र 15.23 लाख किसानों को लाभ पहुंचाया गया। जबकि 2025 में एक करोड़ 80 लाख से अधिक कृषक इससे लाभान्वित हुए। यह मध्यप्रदेश को आगे बढ़ाने का संकल्प है। किसानों को अब 5 रुपए में बिजली का स्थाई कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इस साल 10 लाख किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराए जाएंगे। तीन वर्ष में 30 लाख किसानों को सोलर पम्प उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, इससे उन्हें बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इतिहास में पहली बार सोयाबीन का एमएसपी पर उपार्जन किया गया। गेहूं उपार्जन पर 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस के साथ 2600 रुपए प्रति क्विंटल पर गेहूं क्रय कराना नियत किया गया है। धान उत्पादक किसानों के खातों में 4 हजार रुपए प्रति हेक्टर के दर से राशि डाली जाएगी। वर्ष 2024 में धान उपार्जन करने वाले लगभग 6 लाख 70 हजार किसानों के खातों में राज्य सरकार 480 करोड़ रुपए जारी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का सांची ब्रांड कायम रहेगा। दुग्ध उत्पादन के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और मध्यप्रदेश दुग्ध संघ के बीच करार हुआ है। प्रदेश की सिंचाई क्षमता वर्ष 2002-03 तक 7.68 लाख हेक्टेयर थी जो वर्तमान में 55 लाख हेक्टेयर हो गई है। तीन अंतर्राज्यीय सिंचाई परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखण्ड की तस्वीर बदलने वाली है। पार्वती-काली-सिंध-चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना और ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज योजना से सिंचाई के रकबे में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। डॉ यादव ने कहा कि लगभग 26 लाख लाड़ली बहनों को 450 रुपए में गैस सिलेंडर की रीफिलिंग के लिए वर्ष 2024 में 769 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का अंतरण किया गया। प्रधानमंत्री उज्जवला गैस योजना में 89 लाख महिलाओं को सिलेंडर मिलने से चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पर्यटकों की संख्या प्रदेश में 2002-03 में 64 लाख थी जो वर्ष 2025 में बढ़कर 13 करोड़ से अधिक हुई है। पीएमश्री पर्यटन युवा सेवा का शुभारंभ कर इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल, रीवा, सिंगरौली, उज्जैन एवं खजुराहो के मध्य सेवा का संचालन किया जा रहा है। मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट और चीता स्टेट बनने के बाद लेपर्ड स्टेट बना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक 200 किलोमीटर परिधी में एक हवाई अड्डा बनाया जाएगा और प्रत्येक 150 किलोमीटर परिधी में हवाई पट्टी बनेगी। प्रदेश की नई विमानन नीति में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक-एक हेलीपेड बनाने की भी योजना है, इस हेलीपेड का उपयोग खेल मैदान के रूप में भी किया जा सकेगा। इसके पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पर अपने संबोधन में सरकार को विभिन्न मुद्दों पर जम कर घेरा। उन्होंने जलजीवन मिशन और रोजगार के मुद्दों को लेकर सरकार पर हमला बोला। गरिमावार्ता