भारतPosted at: Jul 6 2025 8:16PM विश्व बैंक की रिपोर्ट तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है सरकार कांग्रेसनयी दिल्ली, 06 जुलाई (वार्ता) कांग्रेस ने कहा है कि भारत में गरीबी और समानता पर विश्व बैंक की रिपोर्ट तोड़ मरोड़ कर पेश की जा रही है तथा रिपोर्ट के परिणाम को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल की उपलब्धि बताकर उनकी प्रशंसा की जा रही है।कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि इस वर्ष अप्रैल में विश्व बैंक ने भारत के लिए अपनी ‘पॉवर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ’ जारी की थी। लेकिन इसके तीन महीने बाद, मोदी सरकार की जयकारा मंडली इस रिपोर्ट के आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर यह भ्रामक दावा कर रही है कि भारत दुनिया के सबसे अधिक समानता वाले समाजों में से एक है।उन्होंने कहा कि गत 27 अप्रैल को कांग्रेस ने इस रिपोर्ट में विश्व बैंक द्वारा उठाई गई कुछ अहम चिंताओं को रेखांकित किया था और ये चिंताएं आज भी प्रासंगिक हैं। रिपोर्ट पर किसी भी गंभीर विमर्श के लिए इन पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।पार्टी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा 2.15 डॉलर दिन के आधार पर किए आकलनों के अनुसार, हाल के वर्षों में गरीबी में निरंतर गिरावट आई है और यह अब निम्न स्तर पर पहुंच गई है जो भारत की विकास गाथा की सफलता को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि भारत के विकास की जिस गाथा कि आज दुनिया प्रशंसा कर रही है। उसकी शुरुआत जून 1991 में उदारीकरण से हुई थी और फिर 2004 से 2014 के बीच डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा शुरू की गई कई महत्वपूर्ण सामाजिक कल्याण योजनाओं के प्रभाव को रेखांकित करती है। इनमें सबसे प्रमुख है 2005 में शुरू हुई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम-मनरेगा। इस योजना ने करोड़ों परिवारों के लिए वार्षिक आय की एक न्यूनतम सीमा सुनिश्चित कर गरीबी से बाहर रखने के लिए एक सुरक्षा कवच बनाया। इसी तरह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 है जिसने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लिए आधार प्रदान किया।कांग्रेस नेता ने कहा कि इस उपलब्धि के साथ ही विश्व बैंक ने जो चेतावनी दी है उन्हें भी रेखांकित किया जाना चाहिए और उसके आधार पर देश की विकास गति को रफ्तार दी जानी चाहिए।अभिनव अशोकवार्ता