देहरादून, 25 जनवरी (वार्ता) उत्तराखंड पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) ने वर्ष 1999 में बदरीनाथ (चमोली) में जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) की हत्या में वांछित हत्यारे को 25 वर्ष बाद झारखंड के जमशेदपुर से गुरुवार को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त पर पुलिस ने दो लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था।
पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने शनिवार को बताया कि एसटीएफ की गठित टीम द्वारा पूर्व में प्राप्त तकनीकी तथा भौतिक सूचनाओं का वर्तमान में प्राप्त सूचनाओं से मिलान करते हुये उक्त अपराधी सुरेश शर्मा को बीती 23 जनवरी को जमशेदपुर से गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि इतने वर्षों में अभियुक्त का चेहरा आदि भी बदल गया था, इसलिए बहुत परिश्रम से उसकी पहचान संभव हुई।
श्री भरणे ने बताया कि उक्त अभियुक्त सुरेश शर्मा पुत्र दयाराम शर्मा, मूल निवासी बद्रीश आश्रम, निकट अंकुर गैस एजेंसी, लीसा डिपो रोड, आशुतोष नगर, ऋषिकेश का वर्ष 1988 से क्वालिटी नाम से तीर्थनगरी बद्रीनाथ में एक रेस्टोरेन्ट था। वर्ष 1999 में तत्कालीन डीजीसी, क्रिमनल, बालकृष्ण भट्ट, जो जनपद चमोली में तैनात थे, से अभियुक्त का रेस्टोरेन्ट की भूमि को लेकर विवाद था। उन्होंने बताया कि विवाद बढ़ने पर, अभियुक्त ने दिनांक 28.04.1999 को श्री भट्ट की दिनदहाडे चाकू से गोदकर हत्या कर दी। मौके पर ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि कुछ समय पश्चात, अभियुक्त को जमानत मिल गई, परन्तु जमानत के कुछ दिनो पश्चात, उच्चतम न्यायालय द्वारा उक्त अभियुक्त की जमानत खारिज कर दी गई। जिसके उपरान्त गिरफ्तारी से बचने को अभियुक्त सुरेश फरार हो गया।
आईजी ने बताया कि राज्य में संगठित अपराधियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने को वर्ष 2005 में जब एसटीएफ का गठन किया गया था, तब उसे दो टास्क दिए गए थे, जिसमें से एक को अब गिरफ्तार किया गया है। जबकि दूसरे टास्क में कुख्यात अपराधी अंग्रेज सिंह, जो सह अभियुक्तों के साथ पुलिस अभिरक्षा से फरार हो गया था, को वर्ष 2007 में नागपुर में उत्तराखंड पुलिस द्वारा मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
सुमिताभ.संजय
वार्ता