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अहिल्याबाई को समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है: अरुण सिंह

अहिल्याबाई को समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है: अरुण सिंह

जौनपुर, 20 मई (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने मंगलवार को कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन सदैव प्रेरणादाई रहा है उन्हें एक वीरांगना और शासक के साथ सामाजिक सुधारक के रूप में याद किया जाता है।

होल्कर वंश की वीरांगना रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जयंती के उपलक्ष्य में अरुण सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन देश के लिए सदैव प्रेरणादायी रहा है, उन्हें एक वीरांगना और शासक के साथ सामाजिक सुधारक के रूप में याद किया जाता है उन्होंने न केवल एक बड़े भूभाग पर शानदार शासन किया बल्कि पूरे भारतवर्ष में घूम-घूम धार्मिक एवं समाज सुधार के अनगिनत कार्यों को पूरा किया।

उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ, केदारनाथ, काशी विश्वनाथ आदि तमाम धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार एवं मंदिरों के निर्माण में अहिल्याबाई होल्कर का महत्वपूर्ण योगदान रहा ऐसे में भारतीय जनता पार्टी उनकी 300 वीं जयंती को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से देशभर में जन सहयोग से मना रही है और जन जन तक उनके कार्यों को भी पहुंचा रहे हैं।

उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने इतने सालों में अहिल्याबाई जैसी महान विभूतियों को याद तक नहीं किया उसका सम्मान नहीं किया, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसको लेकर सोचा और देश भर में कार्यक्रम किया जा रहा है।

विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने बताया कि 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के चोंडी गाँव में जन्मी अहिल्याबाई होल्कर एक साधारण परिवार से थीं उनके पिता मनकोजी राव शिंदे गांव के मुखिया थे। एक युवा लड़की के रूप में उनकी सादगी और सुचरित्र के संयोजन ने मालवा क्षेत्र के राजा मल्हार राव होल्कर का ध्यान उनकी ओर आकर्षित किया। वे युवा अहिल्या से इतने प्रभावित थे कि 1733 में जब वे मुश्किल से आठ साल की भी नहीं हुई थीं, तब उन्होंने उनका विवाह अपने बेटे खंडेराव होल्कर से करवा दिया।

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री स्वतन्त्र प्रभार गिरीश चंद यादव ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर की जयंती के उपलक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशभर में विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जा रही है अहिल्याबाई के त्याग, सेवा, न्यायप्रियता और समाज कल्याण के कार्यों को श्रद्धापूर्वक स्मरण किया जा रहा है और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। वह एक बहुत ही योग्य शासक और प्रबंधक थीं जिन्हें अपने जीवनकाल में बहुत सम्मान प्राप्त हुआ उनकी मृत्यु के बाद कृतज्ञ लोगों द्वारा उन्हें एक संत के रूप में माना गया।

सं प्रदीप

वार्ता