गुलमर्ग (जम्मू-कश्मीर), 09 मार्च (वार्ता) गत चैंपियन भारतीय सेना ने खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025 के दूसरे चरण में रविवार को सात पदक जीतकर अपने अभियान की शानदार शुरुआत की।
आज यहां हुई स्पर्धाओं में सेना ने दो स्वर्ण, दो रजत और तीन कांस्य पदक जीते। हिमाचल प्रदेश ने एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीता। वहीं मेजबान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर ने एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीतकर खेलो इंडिया शीतकालीन के दूसरे चरण का शानदार आगाज किया।
भारतीय सेना ने नॉर्डिक स्कीइंग पुरुषों की 10 किमी स्पर्धा में तीनों पदक जीतकर दबदबा बनाया। सनी सिंह ने स्वर्ण, मंजीत ने रजत और राज दीन ने कांस्य पदक जीता।
नॉर्डिक स्कीइंग महिलाओं की पांच किमी स्पर्धा में कर्नाटक की भवानी थेक्कड़ा ने 17:43.47 के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। सेल्मा सोरेंग और कुसुम राणा की आईटीबीपी जोड़ी ने क्रमशः रजत और कांस्य पदक जीते। स्की पर्वतारोहण पुरुष स्प्रिंट स्पर्धा में, राजेश्वर सिंह ने भारतीय सेना के लिए 15 मिनट 13.40 सेकंड के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता। सिद्धार्थ गाडेकर ने महाराष्ट्र के लिए एकमात्र पदक जीता, उन्होंने 15:30.91 के समय के साथ रजत पदक जीता। उत्तराखंड के मयंक डिमरी को कांस्य पदक मिला।
अल्पाइन स्कीइंग पुरुष स्लैलम में हिमाचल प्रदेश के योगेश कुमार ने स्वर्ण पदक जीता, इसके बाद सेना की जोड़ी जिग्मेट राफस्तान (रजत) और बाकिर हुसैन (कांस्य) ने पदक हासिल किया।
स्नोबोर्डिंग के पुरुष स्लैलम में स्थानीय पसंदीदा मेहराजुद्दीन खान और जुबैर अहमद लोन ने मेजबान टीम के लिए पहला और दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि सेना के विवेक राणा ने कांस्य पदक जीता। स्नोबोर्डिंग के महिला स्लैलम में उत्तराखंड की मेनका गुंजियाल ने 24:44.90 के प्रभावशाली समय के साथ स्वर्ण पदक जीतने की दौड़ में अपना दबदबा बनाया। हिमाचल प्रदेश की साक्षी ठाकुर और नताशा महार की जोड़ी ने रविवार को क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते।
आज हुई स्पर्धा के नतीजों के साथ लद्दाख चार स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक के साथ पदक तालिका में सबसे आगे है। भारतीय सेना तीन स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक के साथ दूसरे स्थान पर है। इससे पहले, लद्दाख संघ राज्य पहले चरण में सात पदक जीतकर शीर्ष पर रहा। उसके बाद तमिलनाडु ने तीन स्वर्ण सहित पांच पदक जीते थे। महाराष्ट्र ने सबसे अधिक पदक (10) जीते, लेकिन केवल दो स्वर्ण के कारण वे तीसरे स्थान पर रहे।
राम
वार्ता