नयी दिल्ली, 10 जून (वार्ता) कांग्रेस ने कहा है कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में उच्च न्यायालय के सामने बाबा साहेब अम्बेडकर की मूर्ति को स्थापित करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने जानबूझकर विवाद पैदा किया है और संविधान की रक्षा के लिए केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकार को इस पर विवाद करने की बजाए बाबा साहेब की मूर्ति को स्थापित करने की इजाजत देनी चाहिए।
कांग्रेस के मध्य प्रदेश के अध्यक्ष जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी तथा राज्यविधान सभा में विपक्ष के नेता उमंग सिंगहार ने मंगलवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ग्वालियर में बाबा साहेब की मूर्ति स्थापित न हो इसको लेकर जानबूझकर विवाद किया जा रहा है और इसके जरिए भाजपा सरकार मुद्दों से ध्यान भटकाकर वर्ग संघर्ष कराना चाहती हैं। पार्टी नेताओं ने कहा कि बाबा साहेब की मूर्ति वहां लगनी चाहिए, लेकिन आरएसएस ने सोची-समझी साजिश के तहत विवाद उत्पन्न कर दिया और संघर्ष पैदा करना चाहते हैं इसलिए रणनीति के तहत बाबा साहेब की मूर्ति स्थापना पर विवाद करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में बाबा साहेब के योगदान को कांग्रेस पार्टी और पूरा देश मानता है क्योंकि जो अधिकार लोगों को मिले हैं, वह बाबा साहेब की देन हैं। उन्होंने केंद्र तथा राज्य की भाजपा सरकार से हाई कोर्ट परिसर में बाबा साहेब की मूर्ति स्थापित करने में जो बाधा को हल करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
भाजपा आरएसएस को दलित विरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि आज तक आरएसएस के जितने सरसंघसंचालक बनें, उनमें से एक भी दलित, आदिवासी समाज से नहीं रहा। इससे स्पष्ट होता है कि ये दलितों-आदिवासियों को सम्मान नहीं देना चाहते हैं। भाजपा-आरएसएस के लोग इतिहास को बदलना चाहते हैं और राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने वाले महान लोगों के विचारों को खत्म करना चाहते हैं।
उन्होेंने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग हमेशा राष्ट्रहित और देशभक्ति की बात करते हैं, लेकिन जब बाबा साहेब की मूर्ति की स्थापना होनी है, तब इनकी देशभक्ति कहीं चली जाती है। भाजपा देश में 'फूट डालो-राज करो' और एक सोची-समझी रणनीति के तहत देश का इतिहास बदलना चाहती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी की सोच उन सभी नेताओं के विचारों के साथ खड़ी है, जिन्होंने देश बनाया। कांग्रेस पार्टी देश के हर व्यक्ति और समाज का सम्मान करती है।
अभिनव, उप्रेती
वार्ता