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दरभंगा : अपहरण के मामले में नौ लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा

दरभंगा : अपहरण के मामले में नौ लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा

दरभंगा, 16 मई (वार्ता) बिहार में दरभंगा जिले की एक अदालत ने स्वर्ण आभूषण व्यवसायी के अपहरण के मामले में नौ अपहरणकर्ताओं को सश्रम आजीवन कारावास एवं 11 लाख रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

व्यवहार न्यायालय, दरभंगा के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर की अदालत ने दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के सिंहवाड़ा बाजार में सोना चांदी का दुकान चलाने वाले व्यवसायी रमण कुमार ठाकुर उर्फ चुन्नू ठाकुर के अपहरण मामले की सुनवाई के बाद बुधवार को नौ दोषी लोगों को सश्रम आजीवन कारावास और ग्यारह लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनायी है।

लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि इस अपहरण मामले की प्राथमिकी सिंहबाड़ा थाना में अपहृत स्वर्ण आभूषण व्यवसायी श्री ठाकुर के पिता विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के कादिराबाद मुहल्ला निवासी विष्णु देव भारती ने दर्ज कराया था। सिंहवाड़ा थाना मे दर्ज प्राथमिकी संख्या 2/20 के अनुसंधानकर्ता ने अपहृत ठाकुर की रिहाई के लिए पांच करोड़ रुपये फिरौती मांगने वाले अपहरणकर्ताओं के मोबाइल फोन नंबर की जांच कर उसे पकड़ने के लिए अग्रेतर कारवाई करते हुए एक अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर उसके स्वीकारोक्ति बयान पर छापामारी कर दो माह 14 दिन पर अपहृत श्री ठाकुर को अपहरणकर्ता की चंगुल से सकुशल मुक्त कराया था।

अभियोजन पक्ष को सहयोग करने वाले सूचक के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह और ऋषभ श्रीवास्तव ने बताया कि स्वर्ण आभूषण व्यवसायी श्री ठाकुर का अपहरण कर अपहर्ताओं ने रिहाई के लिए पांच करोड़ रुपए की मांग की थी। पांच करोड़ रुपये की फिरौती के मामले में न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने नौ को दोषियों को आज सश्रम आजीवन कारावास और 11 लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

श्री दिवाकर ने स्वर्ण आभूषण व्यवसायी श्री ठाकुर के अपहरणकर्ता शिवहर जिला के निवासी अजय सिंह (नेपाली), नवल किशोर सहनी, अजय कुमार सिंह (पूर्व सैनिक), वैशाली जिला के हामीद खां उर्फ हमीद, मुजफ्फरपुर जिला के सुमन कुमार उर्फ लालबाबू, रविरंजन, अमरेंद्र कुमार सिंह एवं सीतामढ़ी जिला के बबलू झा एवं रोहित कुमार को भारतीय दंड विधान की धारा 364 ए में सश्रम आजीवन कारावास और पांच लाख रुपये अर्थदण्ड, 328 में पांच साल का कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदण्ड, 344 में 2 साल का कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदण्ड, 411में 2 साल का कारावास, 120 (बी) में आजीवन सश्रम कारावास और पांच लाख रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने बताया कि सभी सजायें साथ-साथ चलेगी।

सं.सतीश

वार्ता