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उत्तरी सूडान में विस्थापन शिविर पर ड्रोन हमले में 11 लोगों की मौत, 22 घायल

उत्तरी सूडान में विस्थापन शिविर पर ड्रोन हमले में 11 लोगों की मौत, 22 घायल

खार्तूम, 25 अप्रैल (वार्ता) उत्तरी सूडान में रिवर नाइल राज्य की राजधानी अल-दामेर में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के शिविर पर शुक्रवार को ड्रोन हमले में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी और 22 से अधिक अन्य घायल हो गये।

राज्य के गवर्नर मोहम्मद अल-बदावी अब्देल-माजिद ने यह जानकारी दी। उन्होंने एक बयान में हमले की निंदा करते हुए इसे अल-मोगरान क्षेत्र में आईडीपी शिविर के खिलाफ शुक्रवार तड़के अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) द्वारा किया गया ‘अपराध’ करार दिया। उन्होंने बताया कि हमले में 11 नागरिक, जिनमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे, मारे गये।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण करने और जिम्मेदार लोगों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। गवर्नर ने विस्थापित निवासियों की सुरक्षा के लिए शिविर को सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित करने का भी आदेश दिया।

उधर, गैर-सरकारी सूडानी डॉक्टर्स नेटवर्क ने बताया कि हमला ड्रोन के समूह द्वारा किया गया था, जिसने चार मिसाइलें दागीं। इससे आश्रय केंद्र और अटबारा शहर में बिजली सबस्टेशन पर भारी विस्फोट हुआ और घना धुआं फैल गया। आरएसएफ ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

इस बीच, सूडानी बिजली कंपनी की मीडिया समन्वय परिषद ने कहा कि अटबारा सबस्टेशन को शुक्रवार को बहुत कम समय के भीतर चार बार ड्रोन द्वारा निशाना बनाया गया, जिससे रिवर नाइल और रेडी सी राज्यों में बिजली गुल हो गई। परिषद ने पुष्टि की कि नागरिक सुरक्षा दल हमले के कारण लगी आग को बुझाने के लिए काम कर रहे थे और तकनीकी क्षति का आकलन करने के बाद आवश्यक उपाय किये जाएंगे।

गौरतलब है कि आरएसएफ ने हाल में नॉर्दर्न और रिवर नाइल राज्यों में प्रमुख नागरिक और सैन्य स्थलों पर हमले बढ़ा दिए हैं, जिससे उत्तरी सूडान में मेरोवे बांध को काफी नुकसान पहुंचा है और कई राज्यों में बिजली गुल हो गयी है। सूडानी सशस्त्र बलों (एसएएफ) और आरएसएफ के बीच 15 अप्रैल, 2023 को शुरू हुए संघर्ष ने अब तक हजारों लोगों की जान ले ली है, 1.5 करोड़ से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया है, और सूडान को संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों में से एक का सामना करने के लिए बाध्य कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि देश अकाल के करीब है, इसकी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली ध्वस्त हो गई है और हताहतों की सटीक संख्या की पुष्टि करना लगभग असंभव है।

यामिनी

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