नयी दिल्ली, 10 जून (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-स्विट्जरलैंड आर्थिक साझेदारी को और विस्तार देने के लिए स्विट्जरलैंड के उद्योग जगत से वार्ता की है और उन्हें भारत को विनिर्माण, प्रतिभा और नवाचार के लिए रणनीतिक केंद्र के रूप में देखने और देश में उभरती संभावनाओं का लाभ उठाने का अह्वान किया है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की मंगलवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार स्विट्जरलैंड की दो दिन की यात्रा पर गये श्री गोयल ने वहां की कंपनियों से भारत-स्विट्जरलैंड आर्थिक साझेदारी को विस्तृत और गहरा बनाने के लिए सोमवार को बर्न में वहां के उद्यमियों और निवेशकों के साथ कई बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच उस व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (टीईपीए) के अंतर्गत सहयोग के नये रास्ते तलाशना था।
इस समझौते पर हाल ही में हस्ताक्षर किये गये हैं।
श्री गोयल ने स्विट्जलैंड के विभिन्न क्षेत्र के प्रमुख उद्यमियों के साथ मुलाकात की। इन बैठकों के दौरान भारतीय और स्विस उद्यमों के बीच तालमेल बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया और नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा दीर्घकालिक स्तर पर होने वाले विनिर्माण पर विशेष बल दिया गया। उन्होंने स्विट्जरलैंड की कंपनियों को भारत में अपना विस्तार करने और देश के गतिमान तथा तेजी से वृद्धि कर रहे बाजार का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि श्री गोयल के साथ विभिन्न बैठकों में स्विट्जरलैंड की कई कंपनियों ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए संयुक्त उद्यम शुरु करने, परिचालन बढ़ाने और उत्पादन के स्थानीयकरण की दिशा में कार्य करने में रुचि का संकेत दिया।
स्विट्जरलैंड की कंपनियों ने कैंसर के उपचार के अत्याधुनिक तरीकों और कोशिका विज्ञान से लेकर औद्योगिक स्वचालन, फाइबर ऑप्टिक्स, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और डिजिटल सुरक्षा तक विकास की भारत की प्राथमिकताओं और क्षेत्रीय विकास योजनाओं के समान उद्देश्यों के लिए मिलकर काम करने के विचार पर बल दिया। यह भावना एक जैसी रणनीतिक और दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं में शामिल है।
बैठकों के कई प्रतिभागियों ने भारत को स्विट्जरलैंड का सहज भागीदार बताया।
श्री गोयल ने उन्हें भारत में कारोबार में आसानी और नीतिगत स्थिरता का आश्वासन दिया। विज्ञप्ति के अनुसार वाणिज्य
मंत्री ने वहां के व्यवसायियों को भारत को न केवल बाजार के रूप में देखने बल्कि विनिर्माण, प्रतिभा और नवाचार के लिये रणनीतिक केंद्र के रूप में पहचाने को प्रोत्साहित किया।
श्री गोयल ने इस यात्रा में वहां उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ जैव प्रौद्योगिकी और औषधि, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तथा अभियंत्रण के क्षेत्र में डिजाइन, विकास और विनिर्माण, रक्षा और उभरती हुई तकनीकों पर केंद्रित दो गोलमेज बैठकों की अध्यक्षता की।
स्विट्जरलैंड में भारतीय दूतावास के सहयोग से आयोजित इन सत्रों में भारत की योग्यता, सामर्थ्य और नवाचार के उभरते माहौल पर प्रकाश डाला गया।
श्री गोयल ने स्विट्जरलैंड के व्यवसायियों से इन्वेस्ट इंडिया में समर्पित ईएफटीए डेस्क का लाभ उठाने का आह्वान किया और विनियामक सामंजस्य और पारस्परिक मान्यता से जुड़े समझौतों की दिशा में काम करने की भारत की इच्छा की भी पुष्टि की।
उन्होंने वहां भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) की शाखा के सदस्यों से भी मुलाकात की तथा साथ-साथ भारत और स्विट्जरलैंड के बीच पेशेवर और व्यावसायिक माहौल को मजबूत करने के लिए शाखा की सराहना की।
विज्ञप्ति के अनुसार बैठकों के दौरान जैव प्रौद्योगिकी, डिजाइन, विकास और विनिर्माण, स्वास्थ्य देखभाल सेवा, स्वचालन, रक्षा, साइबर सुरक्षा और उच्च श्रेणी की सामग्री सहित विविध क्षेत्रों से संबधित स्विट्जरलैंड की कंपनियों ने वैश्विक आर्थिक महाशक्ति और नवाचार-आधारित विकास के मुकाम के रूप में भारत की प्रगति पर दृढ़ विश्वास व्यक्त किया।
विज्ञप्ति के अनुसार वहां की कई कंपनियों के प्रतिनिधियों ने आगे चल कर भारत में निवेश करने तथा अपने व्यावसायिक क्रियाकलापों की वैश्विक श्रृंखला के एक केंद्र के रूप में स्थापित करना की इच्छा व्यक्त की है।
मनोहर.श्रवण
वार्ता