नयी दिल्ली 01 फरवरी (वार्ता) भारतीय इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) इंडिया ने नये वित्त वर्ष के बजट को उम्मीद के अनुरूप विकास को बढ़ावा देने वाला बताया और कहा कि इसमें लोकलुभावन उपायों के प्रलोभन का विरोध करने के लिए पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
ईईपीसी इंडिया अरुण कुमार गारोडिया ने गुरुवार को कहा, "जैसा कि अपेक्षित था, अंतरिम बजट 2024-25 में विकास को बढ़ावा देने और लोकलुभावन उपायों के प्रलोभन का विरोध करने के लिए पूंजीगत व्यय पर अपना ध्यान केंद्रित किया गया है। बुनियादी ढांचा निर्माण कार्यक्रम पिछले बजट का केंद्रीय विषय रहा है और नये बजट में भी इसकी निरंतरता बरकरार रखी गई है।बजट में प्रस्ताव निवेशकों की भावनाओं को और बढ़ाने, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और भारतीय उद्योग को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए निर्धारित हैं।
उन्होंने कहा कि बजट में प्रस्तावित रेलवे कॉरिडोर विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है और यह लॉजिस्टिक्स में दक्षता लाएगा और माल ढुलाई लागत को कम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख परियोजनाओं को लागू करने में सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, हम विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं के त्वरित निष्पादन को लेकर आशान्वित हैं। साथ ही हरित गतिशीलता और प्रौद्योगिकी से संबंधित घोषणाएं अर्थव्यवस्था में बदलाव के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
श्री गारोडिया ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की कर दरों पर यथास्थिति बताती है कि नीतिगत निश्चितता प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कुल मिलाकर, अंतरिम बजट विकास समर्थक है और सरकार के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
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