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हर्षिता झा ने जलवायु शासन पर शोध के लिए ईएसआरसी पीएचडी फंडिंग हासिल की

हर्षिता झा ने जलवायु शासन पर शोध के लिए ईएसआरसी पीएचडी फंडिंग हासिल की

पटना,28 जनवरी (वार्ता) बिहार में राजधानी पटना की शोधकर्ता हर्षिता झा को यू.के. रिसर्च एंड इनोवेशन (यू.के.आर.आई.) ने आर्थिक और सामाजिक अनुसंधान परिषद (ईएसआरसी) छात्रवृत्ति प्रदान की है, जो सामाजिक विज्ञान में उभरते वैश्विक शोधकर्ताओं का समर्थन करने वाला एक प्रतिष्ठित अनुदान है।

हर्षिता वारविक विश्वविद्यालय के राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केंद्र में अपनी पीएचडी करेंगी। वह अगले चार साल शोध के लिए समर्पित करेंगी। भारत का विकेंद्रीकृत शासन जलवायु कार्रवाई को कैसे गति दे सकता है? हर्षिता जलवायु विषय पर इस सत्र के लिए विश्वविद्यालय से चयनित होने वाली एक मात्र भारतीय हैं। दुनिया भर से सिर्फ चार लोग ही जलवायु विषय के लिए चयनित हुए हैं।

हर्षिता का शोध भारत की दीर्घकालिक निम्न-कार्बन विकास रणनीति को लागू करने के लिए पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। हर्षिता का लक्ष्य समुदाय की ओर से संचालित ग्रामीण पहलों जैसे कि टिकाऊ कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना और 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को समान विकास के साथ संतुलित करने की कुंजी के माध्यम से भारत की जलवायु कार्रवाई को मजबूत करना है।

हर्षिता ने बताया कि भारत का ग्रामीण सतत विकास इसकी जलवायु कार्रवाई रणनीति का केंद्र है। मेरा काम नीतिगत रूपरेखाओं और जमीनी हकीकतों के बीच की खाई को पाटना है, यह सुनिश्चित करना है कि जलवायु कार्रवाई विकास लक्ष्यों के पूरक हों, न कि समझौता करें।

इससे पहले, हर्षिता ने महिलाओं की भागीदारी की वकालत करते हुए कुदुम्बश्री राष्ट्रीय संसाधन संगठन (ग्रामीण विकास मंत्रालय) के साथ पाँच साल कार्य की हैं। उन्होंने पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों द्वारा सामना की जाने वाली प्रणालीगत बाधाओं पर एक राष्ट्रीय अध्ययन का सह-लेखन किया, जिसने पंचायती राज मंत्रालय में नीतिगत संवादों को प्रभावित किया। पटना में अपनी एकल माँ, एक स्कूल शिक्षिका द्वारा पली-बढ़ी, हर्षिता अपने परिवार को अपनी प्रेरणा का श्रेय देती हैं।

हर्षिता ने डॉ. जी.एल. दत्ता डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल और नोट्रे डेम अकादमी से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, इसके बाद टिसगुवाहाटी से सामाजिक विज्ञान में स्नातक और टिस मुंबई से सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर किया। टिस छात्र संघ (2018-19) के कोषाध्यक्ष और कार्यकारी निकाय सदस्य के रूप में, उन्होंने समावेशिता और छात्र अधिकारों के लिए भी काम किया।

प्रेम सूरज

वार्ता

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