मुंबई, 13 जून (वार्ता) बॉम्बे उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हिंदी फिल्म "शादी के निर्देशक करण और जौहर" की रिलीज और किसी भी प्रचार सामग्री पर रोक लगा दी।
अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया कि इस फिल्म में निर्माताओं ने फिल्म निर्माता करण जौहर के नाम और व्यक्तित्व का अनधिकृत उपयोग किया है। अदालत ने निर्माताओं को फिल्म के शीर्षक में या सीधे या परोक्ष रूप से प्रचार में किसी भी तरह से जौहर के नाम या किसी अन्य विशेषता या "करण जौहर" नाम के संदर्भ का उपयोग करने से रोक दिया, जिसमें सभी प्रचार सामग्री आदि शामिल हैं। बॉलीवुड फिल्म निर्देशक एवं निर्माता करण जौहर ने बुधवार को हिंदी फिल्म के निर्माताओं के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया और अनुरोध किया था कि निर्माताओं को फिल्म के शीर्षक में उनके नाम का उपयोग करने से रोका जाए।
याचिका में फिल्म निर्माताओं के खिलाफ फिल्म के शीर्षक में उनके नाम का उपयोग करने पर स्थायी निषेधाज्ञा और निरोधक आदेश की मांग की गई है। करण जौहर ने दावा किया कि उनका फिल्म या इसके निर्माताओं से कोई संबंध नहीं है। ये लोग फिल्म शीर्षक में उनके नाम का अवैध रूप से उपयोग कर रहे हैं। करण जौहर ने बताया कि फिल्म का शीर्षक सीधे उनके नाम को संदर्भित करता है, जो उनके व्यक्तिगत अधिकारों और प्रचार तथा गोपनीयता के अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बिना अनुमति के उनके 'ब्रांड नाम' का उपयोग करके, फिल्म निर्माता उनकी सद्भावना और प्रतिष्ठा का फायदा उठा रहे हैं। मुकदमे में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि फिल्म 14 जून को रिलीज होने वाली है और इसके ट्रेलर तथा पोस्टर सार्वजनिक क्षेत्रों और सोशल मीडिया पर वितरित किए गए हैं। करण जौहर ने दावा किया कि ये प्रचार सामग्री उनकी सद्भावना और प्रतिष्ठा को अपूरणीय क्षति और क्षति पहुंचा रही है।
संतोष
वार्ता