बेंगलुरु, 15 मार्च (वार्ता) भारत के दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली ने शनिवार को कहा कि भारत में खेलों का भविष्य उज्जवल है और देश 2036 तक ‘खेल-प्रधान राष्ट्र’ बनने की राह पर है।
आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में बोलते हुए कोहली ने कहा कि हालांकि इस परिवर्तन के लिए बुनियादी ढांचे और वित्तीय सहायता से परे सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “ हम 2036 तक भारत को खेल-प्रधान राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारे पास एक दृष्टिकोण है, और जमीनी स्तर पर काम हो रहा है। लेकिन यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है। इसके लिये बुनियादी ढांचा, वित्तीय समर्थन, अच्छे एथलीटों को आगे आना होगा।
कोहली ने खेल शिक्षा को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ हमें सिर्फ जश्न और कट्टरता की जरूरत नहीं है, हमें खेल की शिक्षा की जरूरत है। एक बार जब खेल के बारे में शिक्षा होगी, तो अनुभव आज की तुलना में दस गुना अधिक होगा। यह भारत को खेल को बढ़ावा देने वाला राष्ट्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।”
उन्होने भारत में महिला खेलों के परिवर्तन के पीछे महिला एथलीटों की सच्ची उत्प्रेरक के रूप में प्रशंसा की और वाणिज्यिक निवेश में वृद्धि, बढ़ी हुई फंडिंग और आखिरकार महिला प्रीमियर लीग की स्थापना के लिए उनके अथक प्रयास को श्रेय दिया।
उन्होंने कहा, “ महिला एथलीट स्वयं उत्प्रेरक थीं, जिन्होंने खुद पर ध्यान आकर्षित किया, जिसके कारण वाणिज्यिक विकास हुआ, फंडिंग में वृद्धि हुई और अंततः डब्ल्यूपीएल का निर्माण हुआ।”
उन्होंने कहा, “ किसी भी देश में खेल के सुधार के लिए पुरुषों को देखना एक सीमित दृष्टिकोण है। यह एक सामूहिक प्रयास होना चाहिए। खेल संस्कृति में सभी शामिल हैं, और महिलाओं का खेल इसका एक बड़ा हिस्सा है।”
प्रदीप
वार्ता