फिजी 25 अप्रैल (वार्ता) फिजी के राष्ट्रपति महामहिम राटू नाइकाम ललाबालावु ने विश्वविख्यात मानवतावादी श्री मधुसूदन साई को यहां फिजी के सर्वोच्च सम्मान, ‘कम्पैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया।
यह कार्यक्रम फिजी के राजकीय आवास में आयोजित किया गया था तथा इसमें फिजी एवं सम्पूर्ण विश्व के अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया था। इसके पूर्व यह सम्मान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को प्रदान किया गया है।
सम्मान ग्रहण करते हुए श्री मधुसूदन साई ने कहा,“मैं फिजी के राष्ट्रपति से यह सम्मान प्राप्त कर स्वयं को अत्यन्त विनीत एवं गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ। मैं 'एक विश्व एक परिवार सेवा-अभियान ' के हमारे सम्पूर्ण वैश्विक दल की ओर से इसे स्वीकार करता हूँ। फिजी का मेरे हृदय में सदैव से एक विशेष स्थान रहा है, वास्तव में यह मेरे लिए दूसरा घर है। यह सम्मान उन अनेक लोगों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है जिन्होंने सम्पूण देश में एवं पूरे प्रशांत क्षेत्र में जनसमुदायों को ऊपर उठाने एवं सहयोग देने हेतु अथक परिश्रम किया है। श्री सत्य साई संजीवनी बाल्य चिकित्सालय की स्थापना के साथ ही साथ स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा एवं पोषण के क्षेत्रों में अनेक मानवीय प्रयासों के माध्यम से, हम फिजीवासियों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध हैं। फिजी सरकार, विदेशों में बसे पूर्व फिजीवासियों के जीवंत समुदाय एवं हमारे वैश्विक फाउंडेशनों के व्यापक नेटवर्क के साथ निकट सहयोग करना अत्यंत सुखद अनुभव रहा है। हम मिलकर एक अधिक करुणामय, समावेशी एवं स्वस्थ फिजी बनाने प्रयासरत हैं।"
फिजी के सार्वजनिक जीवन में श्री मधुसूदन साई का प्रभाव विशेष रूप से दक्षिण प्रशांत में पहले अत्याधुनिक, पूर्णतया निःशुल्क बच्चों के चिकित्सालय श्री सत्य साई संजीवनी बाल्य चिकित्सालय के निर्माण के माध्यम से परिलक्षित होता है। उन्नत चिकित्सा प्रदान करने वाला यह चिकित्सालय, वित्तीय बाधाओं के कारण चिकित्सा से वंचित हजारों बच्चों एवं उनके परिवारों के लिए आशा की एक किरण है। अनगिनत जीवन बचाने वाले यह चिकित्सालय बच्चों की आर्थिक-सामाजिक पृष्ठभूमि के निरपेक्ष उन्हें पूर्णतया निःशुल्क अत्याधुनिक उपचार प्रदान करने को अपना उत्तरदायित्व समझता है। इस संस्थान की स्थापना इस भौगोलिक क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है, जो भविष्य की पीढ़ियों के फलने-फूलने के लिए एक आधार प्रदान करती है।
श्री सत्य साई संजीवनी बाल्य चिकित्सालय के अतिरिक्त, श्री मधुसूदन साई ने फिजी में साई प्रेमा फाउंडेशन की स्थापना भी की है, जो फिजी में सामाजिक कल्याण एवं मानवीय सेवा हेतु एक प्रमुख शक्ति बन गया है। उनके नेतृत्व में फाउंडेशन ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, आपदा राहत एवं खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु अनेक पहल की हैं। साई प्रेमा फाउंडेशन फिजी में स्वास्थ्य संरक्षण के बुनियादी ढाँचे को सुदृढ़ करने, चल-चिकित्सा शिविरों का आयोजन करने, स्वास्थ्य जाँच करने, छात्रवृत्ति प्रदान करने एवं प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है।
फाउंडेशन का कार्य फिजीवासियों के प्रति सद्गुरु के गहरे प्रेम एवं समर्पण का प्रमाण है, तथा यह करुणा एवं सेवा का एक प्रकाशस्तंभ है, जो एकता, सहभावना एवं समुदायिक भावना को मूर्त रूप देता है।
फिजी से परे, श्री मधुसूदन साई के मानवीय प्रयास 80 से अधिक देशों में विस्तृत हैं, जिसने लाखों लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। संसार के सुदूरतम कोने में पहुँचने तथा जहाँ सर्वाधिक आवश्यकता है वहाँ सहायता प्रदान करने की उनकी क्षमता ने वैश्विक मान्यता प्राप्त की है। उनके कार्य के सबसे उल्लेखनीय पहलुओं में से एक उनके विश्व प्रसिद्ध पोषण कार्यक्रम के माध्यम से भूख एवं कुपोषण को संबोधित करने की उनकी प्रतिबद्धता है, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक बच्चों को पोषण प्रदान किया जाता है।
यह कार्यक्रम न केवल पोषण संबंधी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है, अपितु समाज में सशक्तिकरण, गरिमा एवं भविष्य के प्रति आशा की भावना भी उत्पन्न करता है। स्वास्थ्य संरक्षण के क्षेत्र में भी सद्गुरु का गहन योगदान है। उन्होंने अभावग्रस्त रोगियों के लिए भारत एवं विदेशों में 15 पूर्णतया निःशुल्क चिकित्सालयों की स्थापना की है। ये सभी चिकित्सालय आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जिनमें उच्च प्रशिक्षित चिकित्साकर्मी कार्यरत हैं, तथा ये हृदय रोग, हड्डी रोग, न्यूरोलॉजी एवं बाल्य रोग चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में विस्तृत विशेषज्ञ सेवाएँ प्रदान करते हैं। इन संस्थानों ने हजारों मनुष्यों को मृत्यु के मुख से निकाला है तथा चिकित्सा देखभाल की तत्काल आवश्यकता वाले समुदायों को राहत प्रदान की है।
सद्गुरु की सर्वाधिक उल्लेखनीय उपलब्धियों में से एक—विश्व के सर्वप्रथम पूर्णतया नि:शुल्क चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना है, जो निःस्वार्थ सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगली पीढ़ी के चिकित्सकों को निर्मित करता है। विद्यार्थियों को पूर्णतया निःशुल्क चिकित्सा प्रदान करने वाले इस चिकित्सा महाविद्यालय का उद्देश्य ऐसे करुणामय एवं अत्यंत कुशल चिकित्सा पेशेवरों को तैयार करना है जो वंचितों को पूर्णतया निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्रदान करें। स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रत्येक वित्तीय पृष्ठभूमि के लिए सुलभ बनी रहे इस उद्देश्य से श्री मधुसूदन साई वंचित विद्यार्थियों की वित्तीय बाधाओं को दूर कर चिकित्सा शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बना रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, सद्गुरु विश्व स्तर पर विभिन्न अन्य मानवीय-सेवाएँ भी उपलब्ध करा रहे हैं। उनके वैश्विक स्वयंसेवकों का नेटवर्क संकटग्रस्त समुदायों को विश्व के कुछ सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्रों में अत्यंत आवश्यक राहत हेतु समय पर भोजन, आश्रय एवं चिकित्सा सहायता जैसे सहायता एवं संसाधन प्रदान करता है। उनका मूल्य-आधारित शिक्षा पर केन्द्रित दृष्टिकोण विद्यालयों, व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा युवाओं को सशक्त बनाने वाले उन उपक्रमों तक व्यापक है, जिनका उद्देश्य युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें आवश्यक साधनों से सज्जित करना है।
संजय
वार्ता