कोलकाता 16 अप्रैल (वार्ता) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह अपने गृह मंत्री अमित शाह पर ‘लगाम’ लगाएं, क्योंकि वह कथित तौर पर बंगलादेश से आये घुसपैठियों की राज्य में अशांति पैदा करने में मदद करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सुश्री बनर्जी ने यहां नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुस्लिम मौलवियों के साथ बैठक में कहा, “मैं प्रधानमंत्री से अनुरोध करूंगी कि वह अमित शाह पर नजर रखें। वे अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए देश को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। वह (अमित शाह) इतनी जल्दी में क्यों हैं? वह कभी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे और मोदी जी के चले जाने के बाद वह क्या करेंगे? प्रधानमंत्री को देखना चाहिए कि उनके गृह मंत्री किस तरह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी को उन्हें नियंत्रित करना चाहिए।”
सुश्री बनर्जी का यह आरोप पिछले कुछ दिनों में तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा किए जा रहे दावों के मद्देनजर आया है, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर विरोध के बहाने अशांति फैलाने के लिए राज्य में बंगलादेशियों के प्रवेश में सहायता करने का आरोप लगाया गया है।
बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना शुक्रवार को नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर आई है। इस अशांति में पुलिस वैन सहित कई वाहनों को आग लगा दी गई, सुरक्षा कर्मियों पर पत्थर फेंके गए और मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों में सड़क जाम कर दिया गया।
मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में तीन लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए, जिसके बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया।
सुश्री बनर्जी ने कहा “बीएसएफ की पोशाक और चप्पल पहने हुए लोग थे जिन्होंने हिंसा भड़काई। मुझे जानकारी है कि बच्चों को पत्थर फेंकने के लिए 5000 से 6000 रुपये दिए गए थे। हम इसकी जांच कर रहे हैं और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। वह आदमी (अमित शाह) साजिश के लिए जिम्मेदार है। मैं नाम नहीं लेना चाहती थी लेकिन मैं असहाय हूं। मोदी जी को सभी एजेंसियों को अपने नियंत्रण में काम करने देना चाहिए था और वह इसका दुरुपयोग कर रहे हैं। मोदी जी को उन्हें रोकना चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से एक ट्वीट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि बंगलादेश इस दंगे में शामिल है। सुश्री बनर्जी ने कहा, “कुछ एजेंसियों का उपयोग करके दंगे भड़काना जो वहां से लोगों की आवाजाही में मदद करती हैं... अगर ऐसा है (बंगलादेश से लोगों को आने देना), तो केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि बीएसएफ सीमाओं की रक्षा करती है, हम नहीं। राज्य सरकार के पास सीमाओं की रक्षा करने की जिम्मेदारी नहीं है।”
सुश्री बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि बीएसएफ गोलीबारी की घटना में शामिल थी, जिसके परिणामस्वरूप एक नागरिक की मौत हो गई। सुती में पुलिस की गोलीबारी के दौरान कथित रूप से घायल हुए पीड़ित ने शनिवार को एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे जानकारी मिली है कि बीएसएफ गोलीबारी में शामिल थी। मैं मुख्य सचिव को घटना पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दूंगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।”
इस बारे में पूछे जाने पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा “यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण बयान है। अगर बीएसएफ को तैनात नहीं किया जाता तो स्थिति और खराब हो जाती। उन्होंने लोगों को उनके घर वापस पहुंचाया है। उन्होंने सराहनीय काम किया है।”
सोनिया, यामिनी
वार्ता