मुंबई, 8 फरवरी (वार्ता) भारत की माया राजेश्वरन शनिवार को एलएंडटी मुंबई ओपन डब्ल्यूटीए 125 के सेमीफाइनल में स्विट्जरलैंड की जिल टेचमैन से सीधे सेटों में 3-6,1-6 से हार गईं।
माया ने टूर्नामेंट की शुरुआत वाइल्डकार्ड एंट्री के रूप में की थी और सेमीफाइनल तक पहुंचीं। यह उनका पहला सीनियर टूर्नामेंट था। भारत की प्रार्थना थम्बोर डच पार्टनर एरियन हार्टोनो के साथ हालांकि रविवार को युगल फाइनल में खेलेंगी।
जिल ने पहले चार गेम जीतकर पहले सेट की शुरुआत में ही लय बना ली। माया ने अगले दो गेम जीतकर अपनी फॉर्म को फिर से हासिल करने की कोशिश की लेकिन अनुभवी स्विस खिलाड़ी ने अच्छी वापसी की और पहला सेट 6-3 से अपने नाम कर लिया।
जिल ने दूसरे सेट में अपनी लय बनाए रखी और पहले चार गेम जीते, लेकिन माया के अथक प्रयासों ने उन्हें पांचवां गेम जीतने में मदद की। युवा भारतीय खिलाड़ी जिल के लगातार मजबूत रिटर्न के सामने टिक नहीं पाई और 6-1 के स्कोर के साथ दूसरा सेट और फाइनल में सीट जीत ली।
अन्य एकल सेमीफाइनल में, थाईलैंड की आठवीं वरीयता प्राप्त मननचाया सवांगकेव ने कनाडा की दूसरी वरीयता प्राप्त रेबेका मैरिनो को 6-2, 6-2 से हराकर फाइनल में जगह पक्की की। सवांगकेव ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे उनके उच्च रैंक वाली प्रतिद्वंद्वी के लिए मैच में कोई पैर जमाने का मौका नहीं बचा। पहले सेट में सवांगकेव ने शुरुआत में ही अपना दबदबा कायम कर लिया और क्लिनिकल रिटर्न के साथ मैरिनो की सर्विस दो बार तोड़ी। उनके आक्रामक दृष्टिकोण और शक्तिशाली सर्विस के कारण तीन ऐस मिले, जिससे कनाडाई खिलाड़ी लगातार दबाव में रही। मैरिनो लय हासिल करने में संघर्ष करती रहीं, अक्सर अनफोर्स्ड एरर करती रहीं, जबकि सवांगकेव बेसलाइन से खेल की गति तय करती रहीं।
पहले सेट में मिली जीत की लय को बरकरार रखते हुए, सवांगकेव ने दूसरे सेट में भी वही जोश बनाए रखा। उन्होंने मैरिनो पर लगातार दबाव बनाए रखा। इस दौरान वह कोर्ट में तेज़ी से आगे बढ़ीं और मैरिनो की रक्षात्मक चूक का फ़ायदा उठाया। सवांगकेव के आक्रामक रिटर्न और सटीक ग्राउंडस्ट्रोक ने दो और सर्विस ब्रेक का रास्ता तैयार किया। उनके संयमित व्यवहार और रणनीतिक शॉट प्लेसमेंट ने मैरिनो को कोई वापसी करने से रोक दिया।
प्रदीप
वार्ता