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अगर लोजपा ने अलग से चुनाव नहीं लड़ा होता तो राजद को 10 से भी कम सीटें मिलतीं : चिराग

पटना 01 मई (वार्ता) लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (लोजपा-आर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग चुनाव लड़कर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को नुकसान और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को लाभ पहुंचाने की वास्तविकता को स्वीकार करते हुए कहा आज कि यदि लोजपा राजग से अलग चुनाव नहीं लड़ती तो राजद 10 से भी कम सीटें मिलती।
श्री पासवान ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव बिहार विधानसभा में अपनी पार्टी के सबसे बड़े दल होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन, उन्हें इस तथ्य को ध्यान में रखना चाहिए कि यदि उनकी पार्टी लोजपा ने राजग से अलग चुनाव नहीं लड़ा होता तो राजद 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में 10 सीट का भी आंकड़ा नहीं पर कर पाती।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तत्कालीन लोजपा का नेतृत्व कर रहे चिराग पासवान ने राजग से अलग चुनाव लड़ा था और अधिकांश सीटों पर जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे। जब पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री थे तब लोजपा राजग का हिस्सा थी लेकिन अक्टूबर 2020 में उनके निधन के बाद श्री चिराग पासवान ने 2020 में बिहार में राजग से अलग विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, श्री चिराग पासवान ने बिहार में अलग से चुनाव लड़ा लेकिन फिर भी वह दावा करते रहे कि वह केंद्र में राजग के साथ हैं। उन्होंने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान भी घोषित किया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोजपा के अलग से चुनाव लड़ने और उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाने पर नाराजगी जताई थी। अगस्त 2022 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ राजद से हाथ मिलाने के श्री कुमार के फैसले के पीछे इसे मुख्य कारण के रूप में देखा गया। हालांकि इस साल जनवरी में वे फिर से राजग में लौट आए। वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू केवल 43 सीटें जीतकर विधानसभा में तीसरे स्थान पर खिसक गई। वहीं, राजद 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। उसके बाद भाजपा 74 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।
सूरज
वार्ता