राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Jan 16 2025 10:10PM पटना व्यवहार न्यायालय कर्मियों की हड़ताल से कामकाज ठपपटना 16 जनवरी (वार्ता) बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर आहूत सिविल कोर्ट कर्मचारियों की हड़ताल के पहले दिन आज पटना व्यवहार न्यायालय में कामकाज लगभग ठप हो गया। व्यवहार न्यायलय कर्मचारियों की मुख्य चार सूत्री मुख्य मांगों को लेकर की गई हड़ताल से पटना व्यवहार न्यायालय की अदालतों में कामकाज नहीं हो सका। न्यायाधीश समय पर न्यायालय आए और न्यायालय कक्ष में बैठे लेकिन कर्मचारियों के अभाव में न तो गवाही हो सकी और न ही जमानत अर्जियों की सुनवाई सही ढंग से हो सकी। पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लाये गए अभियुक्तों को किसी प्रकार जेल भेजा गया। जिला जज एवं उन अदालतों में जहां अभिलेख मौजूद थे वहां जमानत अर्जियों की सुनवाई हुई, लेकिन जहां अभिलेख उपलब्ध नहीं हो सके वहां सुनवाई नहीं हो सकी। इसी तरह सीबीआई, एनआईए और निगरानी की अदालत में गवाहों की गवाही नहीं हो सकी। निगरानी की अदालत में मात्र एक गवाह की गवाही हुई, जो अधूरी रही। पक्षकार, वकील और न्यायाधीश तीनों की मौजूदगी के बाद भी न्यायालय का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ। इस बीच बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के महासचिव सत्यार्थी सिंह ने बताया की पटना उच्च न्यायालय ने वार्ता के लिए संघ के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया है। गौरतलब है कि बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ ने अपनी चार मुख्य मांगों को लेकर 16 जनवरी 2025 से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। संघ की मुख्य मांगों में वेतन विसंगति को दूर करना, चतुर्थ एवं तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र प्रोन्नत करना, शत-प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली करना और विशेष न्यायिक कैडर लागू करना शामिल है।सं. सूरज वार्ता