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आईजीआईएमएस में फैलोशिप पाठ्यक्रम का शुभारंभ

पटना,14 फरवरी (वार्ता) बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में फैलोशिप पाठ्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
आईजीआईएमएस, पटना के चिकित्सा अधीक्षक डाॅक्टर मनीष मंडल ने बताया कि सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं लिवर ट्रांसप्लांट विभाग, आईजीआईएमएस, पटना के साथ इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ गैस्ट्रो इंडो सर्जन द्वारा आज से तीन दिन तक का फेलोशिप कोर्स शुरू हुआ।
डॉक्टर मंडल ने बताया कि यह फेलोशिप कोर्स एफआइर्एजीइएस संस्थान में तीसरी बार और बिहार में पिछले 10 वर्षों में पांचवीं बार किया जा रहा है। इस कोर्स में एमएस जनरल सर्जरी पीजी पास किए हुए सर्जन पात्र होते हैं। इस कोर्स का मकसद है कि बिहार में जो भी नए सर्जन बन रहे हैं उनको दूरबीन विधि द्वारा ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए साथ ही लैप्रोस्कोपिक मशीन के बारे में एवं उनके रखरखाव के बारे में भी पूर्ण जानकारी दी जा सके। ऐसा करने से जो भी नए सर्जन हैं उन्हें लैप्रोस्कोपिक मशीन खरीदने में, उनके रखरखाव में और उनकी गुणवत्ता की पूर्ण जानकारी तो मिलती ही है साथ ही मरीज का ऑपरेशन के दौरान किस-किस विधि से कैसे ऑपरेशन करना है इसका भी पता चलता है।
डॉ. मंडल ने बताया कि आज पहले दिन मशीन के बारे में, रख रखाव के बारे में, खर्च के बारे में और गुणवत्ता के बारे में बताया गया। कल सत्र के दूसरे दिन दूरबीन द्वारा ऑपरेशन करके कार्यशाला में दिखाया जाएगा एवं अंतिम दिन लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा ली जाएगी। उसके बाद ही फेलोशिप कोर्स पूरा जाएगा।
डॉक्टर प्रियरंजन, आयोजन सचिव ने कहा कि आज के एफआइर्एजीइएस फेलोशिप कोर्स में 94 सर्जन सम्मिलित थे। इन सर्जनो को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उपरोक्त बातें लैप्रोस्कोपिक विधि के बारे में बताई गई साथ ही हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के माध्यम से पेट के अंदर टांका लगाना, ऑपरेशन से नसों और धमनियों को काटने और जोड़ने की विधि सिखाई गई।
डॉक्टर संजय कुमार, अपर प्राध्यापक, गैस्ट्रो सर्जरी विभाग ने अपने अभिभाषण में लैप्रोस्कोपिक मशीन के बारे में जानकारी दी तथा उनकी गुणवत्ता और रखरखाव के बारे में विस्तृत चर्चा की।
डॉक्टर रोहित उपाध्याय, अपर प्राध्यापक, यूरोलॉजी विभाग ने लैप्रोस्कोपिक मशीन की साफ-सफाई और स्टरलाइजेशन सें कैसे मशीन को किस-किस विधि से कीटाणुओं से बचाना है इस पर विशेष चर्चा की। कोलकाता से आए संगठन के उपाध्यक्ष और देश के जाने-माने सर्जन डॉक्टर सरफराज जलील वेग ने पित्त की नली में पत्थर का इलाज लैप्रोस्कोपिक मशीन द्वारा कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पित्त की नली का बड़ा पत्थर भी बिना चीर फाड़ के लैप्रोस्कोपिक मशीन द्वारा छोटे छेद से कम से कम पेट में चीड़ा के साथ सफलतापूर्वक ऑपरेशन की जा सकती है। उन्होंने गले में खाना अटकने वाली बीमारी हाईट्स हर्निया का लैप्रोस्कोपी हीलर्स ऑपरेशन द्वारा बिना चीड़-फाड़ के इलाज के बारे में बताया।
डॉक्टर विजय मित्तल ने पेट के हर्निया में दूरबीन द्वारा छोटे छेद से बड़ा से बड़ा हर्निया का ऑपरेशन कैसे किया जा सकता है और इसमें अलग-अलग प्रकार के जाल लगाकर हर्निया को कैसे ठीक की जा सकती है इस विधि की जानकारी विडियो के माध्यम से दी। तमिलनाडु के डॉक्टर ईश्वर मूर्ति में इंडोस्कोपी विधि से कई तरह के ऑपरेशन के बारे में जानकारी वीडियो के माध्यम से दी।
आज के कार्यशाला का उद्घाटन आइर्एजीइएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सतीश मिधा ने दीप प्रज्वलन करके किया।इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार देश की शैक्षणिक राजधानी इतिहास में रहा है। यहीं से नालंदा यूनिवर्सिटी के द्वारा शिक्षण का दीप प्रज्वलित हुआ है। उनके अपने कार्यकाल में प्राथमिकता रहेगी कि हर महीने दो राज्यों में इस तरह का फेलोशिप कोर्स हो जिससे एक साल के अंदर 24 राज्यों में इस कोर्स के माध्यम से सर्जन को दूरबीन विधि की शिक्षण-प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से दी जा सके। उन्होंने कहा कि आईजीआईएमएस बिहार में उच्च गुणवत्ता के साथ सस्ते दर पर मरीजों की सेवा तो कर ही रहा है साथ ही साथ पूरे बिहार में सरकारी तौर पर मेडिकल शिक्षण प्रशिक्षण में अग्रणी है।
उद्घाटन के मौके पर डॉक्टर सरफराज उपाध्यक्ष, आइर्एजीइएस ने कहा कि वह कई बार आईजीआईएमएस पटना आए हैं और वह जब भी आते हैं संस्थान में मरीज हित में कुछ बेहतर देखने को ही मिलता है। डॉक्टर विजय मित्तल ने कहा कि जब भी कोई कार्यशाला या शैक्षणिक कार्य पटना में होता है तो आईजीआईएमएस में बढ़-चढ़ कर कर यहां के सर्जन उसे क्रियान्वित करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान के सर्जिकल गैस्ट्रो विभाग बिहार में अपनी एक अलग पहचान बन चुका है और सबसे कम दर पर उच्च गुणवत्ता के साथ मरीजों का यहां ऑपरेशन हो रहा है।
उद्घाटन सत्र का संचालन श्रीमती एकता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर साकेत कुमार अपर प्राध्यापक ने किया।इस अवसर पर डॉक्टर मनीष मंडल, डॉक्टर संजय कुमार, डॉक्टर साकेत कुमार, डॉक्टर राकेश कुमार, डॉक्टर अमरजीत राज, डॉक्टर विजय मित्तल, डॉक्टर संजय सिंह आरोही समेत डॉक्टर दीपक पंकज मौजूद थे।
प्रेम सूरज
वार्ता