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बिहार दिवस :जीविका पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र

पटना,24 मार्च (वार्ता) बिहार दिवस के अवसर पर गांधी मैदान में बिहार के विकास की गाथा और महिला स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण की गाथा जीविका पवेलियन में प्रदर्शित है।
आगंतुक गांवो में गरीबी उन्मूलन के लिये चलाई जा रही लोक कल्याणकारी योजनाओं और बिहार की लोक संस्कृति तथा सामाजिक कूरीतियो के उन्मूलन के लिये चलाये जा रहे कार्यकमों से जागरूक एवं रूबरू हो रहे हैं। बिहार दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में ग्रामीण विकास विभाग के तत्वाधान में जीविका पवेलियन दर्शकों के अवलोकनार्थ प्रदर्शित है।
जीविका पवेलियन में जीविका के तहत पशुधन, संस्थागत निर्माण एवं क्षमतावर्धन, वित्तीय समावेशन, सामाजिक विकास, सतत जीविकोपार्जन योजना,कृषि, नीरा, स्वास्थ्य एवं पोषण, गैर कृषि ,जीविकोपार्जन एवं रोजगार विधा के तहत चलाई जा रही गतिविधियाँ तथा बिहार ग्रामीण विकास सोसाईटी, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, मनरेगा एवं जल जीवन हरियाली अभियान के तहत किये जा रहे विकासात्मक कार्यों को प्रदर्शित किया गया है। इन स्टॉल के माध्यम से आगंतुक लोक कल्याणकारी योजनाओं से रूबरू हो रहे हैं।
जे. वायर्स द्वारा उत्पादित सौर उपकरण भी प्रदर्शित है।नीरा और नीरा से उत्पादित मिठाइयां आकर्षण के खास केंद्र हैं। गांव से लेकर शहर तक गरीबी उन्मूलन के लिये चलाई जा रही योजनायों के क्रियान्वयन की झलक भी प्रदर्शित है।सतत जीविकोपार्जन योजना स्टॉल पर अत्यंत गरीब महिला का अब कुशल उद्यमी बनने का सफ़र भी दर्शकों को प्रेरित कर रहा है। सिक्की, सुजनी, लहठी, बांस आदि से बने उत्पाद , मलबरी, सिल्क और खादी से बने परिधान लोगों को लुभा रहे हैं। करियर निर्माण में लगे छात्र-छात्राएं स्किल्स स्टॉल पर जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। अन्य स्टॉल भी आगंतुकों के लिए आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं।
कल तक गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाली महिलाएं अब आर्थिक एवं सामाजिक तौर पर सशक्त हुईं है इसकी बानगी तो प्रदर्शित है, वहीं सरकार की लोक कल्याणकारी योजनायें गाँव-गाँव तक पहुँच कर लोगों को लाभान्वित कर रही हैं इसे भी विभिन्न स्टॉल पर दर्शाया गया है।मुख्य मंच पर सांस्कृतिक मंच पर प्रदर्शित विभिन्न कार्यक्रमों से दर्शक बिहार की लोक संस्कृति, विरासत , लोक गीत एवं लोक नृत्य से रोमांचित हो रहे हैं। छठ गीत और चैता गीत के साथ ही पारंपरिक गीत और जट-जटिन एवं झिजिया समेत अन्य लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दर्शकों को लुभा रही हैं।रविवार को 19 भाषाओँ में गायन के लिए मशहूर गायिका जय श्री ने छठ गीत ‘पहिले पहिले छठ कईनी ’एवं ‘सइयां मिले लडकईयां’ की प्रस्तुति से समा बांधा। जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत बाल- विवाह एवं दहेज़ प्रथा उन्मूलन के साथ ही लिंगभेद को लेकर लघु नाटकों की प्रस्तुति की गयी।
प्रेम
वार्ता