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प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को मिलेगी चार हजार की प्रोत्साहन राशि : विजय

पटना, 16 मई (वार्ता) बिहार के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को प्रत्येक वर्ष चार हजार रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
श्री सिन्हा ने शुक्रवार को यहां कहा कि प्राकृतिक खेती केवल एक पद्धति नहीं बल्कि एक संपूर्ण जीवन पद्धति है, जिसमें भारतीय पारंपरिक ज्ञान, पशुधन आधारित कृषि, जैविक संसाधनों का प्रयोग और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा समाहित है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को जमीनी स्तर पर सशक्त करने के लिए प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखियां नियुक्त की जाएंगी।
मंत्री ने कहा कि कुल 800 कृषि सखियों को चयनित किया जाएगा जो हर महीने 16 दिन कार्य करेंगी। उन्हें 300 रुपये प्रतिदिन मानदेय और 200 रुपये प्रतिमाह यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इनका प्रमुख कार्य किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करना, पंजीकरण कराना, प्रशिक्षण दिलाना और फसल चक्र के दौरान तकनीकी मार्गदर्शन देना होगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि प्राकृतिक खेती के प्रति जन-जागरूकता लाने के लिए 400 प्राकृतिक खेती के लिए चयनित 400 कलस्टरों में सात कार्यक्रम प्रति कलस्टर कुल 2800 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक कार्यक्रम में 50 प्रतिभागी भाग लेंगे। इन कार्यक्रमों में किसान, पंचायत प्रतिनिधि, कृषि सखियाँ और स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हिस्सा लेंगी। इसका उद्देश्य प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन के रूप में विकसित करना है।उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को चार हजार रूपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसमें 300 रूपये प्रति माह जैविक इनपुट, पशुधन देखभाल आदि पर खर्च के लिये और चार सौ रूपये प्रति वर्ष ड्रम एवं अन्य संसाधनों की एकमुश्त सहायता के रूप में शामिल हैं। किसानों को अधिकतम एक एकड़ तक ही योजना का लाभ मिलेगा। पंजीकृत 50 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती योजना का लाभ मिलेगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 20 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कराना है जिससे उपज का बाजारीकरण और किसान की आय दोनों को समर्थन मिलेगा। साथ ही, 266 भारतीय प्राकृतिक जैव-उपादान संसाधन केंद्र की स्थापना की जाएगी, जिससे किसानों को उपादानों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।
प्रेम सूरज
वार्ता