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उद्योग जगत के साथ तालमेल कर वाणिज्य विषय के पाठ्यक्रम का निर्माण किए जाने की आवश्यकता : प्रो.चौधरी

दरभंगा 17 मई (वार्ता) कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता के वाणिज्य संकाय के प्रोफेसर आर.पी. चौधरी ने शनिवार को कहा कि उद्योग जगत के साथ तालमेल बिठाकर वाणिज्य विषय के पाठ्यक्रम का निर्माण किए जाने की आवश्यकता है।
प्रो.चौधरी ने शनिवार को यहां ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के तत्वाधान में आयोजित‘नई सदी में वाणिज्य शिक्षा की चुनौतियां एवं अवसर’ विषयक दो दिवसीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए वाणिज्य के शिक्षण में सूचना प्रौद्योगिकी के समावेश की भी वकालत की।
वाणिज्य प्रबंधन के जाने-माने लेखक सह ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष सह निदेशक प्रोफेसर एल.पी.सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में वाणिज्य शिक्षा के दो दशक के विकास-गाथा को आधार मानकर वर्तमान परिदृश्य में तदनुरूप अनिवार्य परिवर्तन किए जाने की महती आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वाणिज्य शिक्षण के विस्तारित किए जाने की भी आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि बीमा, बैंकिंग, वित्तीय सेवा, अन्यान्य सेवा क्षेत्र में उभरती प्रवृत्तियों को ध्यान में रखकर विज्ञान एवं कला संकाय की तरह बीमा, बैंकिंग, कराधान, अंकेक्षण लेखा, सचिवीय पद्धति, व्यवसायिक क़ानून, लघु वित्त, सहकारी क्षेत्र इत्यादि की विशेषज्ञता के साथ स्नाकोत्तर उपाधि प्रदान किया जाना चाहिए।
समापन सत्र का शुभारंभ अतिथियों को पुष्पगुच्छ से सम्मानित कर किया गया। विभागीय शिक्षक डॉक्टर एस.के. झा ने सभी आगत अतिथियों एवं उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया।
इस दो दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन चार तकनीकी छात्रों का संचालन किया गया। सत्रों की अध्यक्षता क्रमशः प्रोफेसर एच.के. सिंह (वाणिज्य संकायाध्यक्ष, बी.एच.यू.), प्रोफेसर आर.यू सिंह (पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना), प्रोफेसर बी.बी.एल दास (भूतपूर्व विभागाध्यक्ष सह निदेशक तथा संकायाध्यक्ष) तथा प्रोफेसर लक्ष्मण सिंह (जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा) ने की। इन चार सत्रों में कुल 97 पत्रों का वाचन हुआ।
समापन सत्र में ही सभी सत्रों के प्रतिवेदकों ने अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सत्र का समापन विभाग़ाध्यक्ष सह निदेशक तथा इस आहूत राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजक सचिव प्रोफेसर डी.पी. गुप्ता के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। मंच संचालन पायल कुमारी एवं अर्चना झा ने संयुक्त रूप से किया।
सं.प्रेम सूरज
वार्ता