राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: May 20 2025 3:48PM एसीबी की टीम ने शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी विनय चौबे से की पूछताछरांची,20 मई (वार्ता) झारखंड में शराब घोटाले की जांच कर रही एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों की टीम ने आज भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी विनय चौबे को उनके घर से अपने कार्यालय ले गई और वहां उनसे पूछताछ की जा रही है। श्री चौबे उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव हैं।उनके कार्यकाल में कथित तौर पर शराब घोटाला हुआ।एसीबी ने शराब घोटाले में उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह से भी पूछताछ शुरू कर दी है। एसीबी ने पहले तत्कालीन सचिव विनय चौबे को उनके घर से अपने दफ्तर लाकर पूछताछ शुरू की थी। विनय चौबे से पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के बाद एसीबी ने उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को अपने कार्यालय बुलाया। गजेंद्र सिंह के पहुंचने के बाद एसीबी के अधिकारी उससे भी पूछताछ कर रहे हैं। झारखंड में छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट के सहारे हुए घोटाले में गजेंद्र सिंह की भी महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जाती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद झारखंड एसीबी ने राज्य में कथित शराब घोटाले के सिलसिले में सरकार की अनुमति के बाद पीई दर्ज की थी। प्रारंभिक जांच के बाद एसीबी ने सरकार से अनुमति लेकर शराब घोटाले के सिलसिले में नियमित प्राथमिकी दर्ज की है। इसी मामले में एसीबी विनय चौबे से पूछताछ कर रही है। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के खिलाफ ईडी छत्तीसगढ़ ने इसीआईआर दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू की थी। इसमें यह पाया गया था कि कॉरपोरेशन के अधिकारियों ने शराब व्यापारियों के साथ सिंडिकेट बनाकर छत्तीसगढ़ सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया था। इस मामले में छत्तीसगढ़ ईडी ने वहां के आईएएस अफसरों समेत शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई थी। जांच के क्रम में ईडी को इस बात की जानकारी मिली थी कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले को अंजाम देने वाले सिंडिकेट ने ही झारखंड में नई उत्पाद नीति बनवाई थी और झारखंड में भी शराब घोटाले को अंजाम दिया। इस सूचना के बाद छत्तीसगढ़ ईडी ने विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ के लिए छत्तीसगढ़ बुलाया था। बताया जाता है कि विनय चौबे ने छत्तीसगढ़ ईडी द्वारा की गई पूछताछ के दौरान खुद को निर्दोष बताया था और ईडी को दिए गए अपने बयान में कहा था कि नई उत्पाद नीति सरकार की सहमति के बाद लागू की गई थी. इसमें उनका कोई दोष नहीं है।इसके बाद झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा में एक प्राथमिकी दर्ज करायी। इसमें छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट द्वारा ही सुनियोजित तरीके से झारखंड में शराब घोटाले को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था। ईडी झारखंड ने आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज इस प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू की थी। अक्टूबर 2024 में ईडी ने विनय चौबे, गजेंद्र सिंह सहित अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी।विनय वार्ता