राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Feb 25 2025 10:29AM 77 वर्ष के हुये डैनीमुंबई, 25 फरवरी (वार्ता) बॉलीवुड के जाने-माने चरित्र अभिनेता डैनी आज 77 वर्ष के हो गये। 25 फरवरी 1948 को जन्में डैनी बचपन के दिनों में सेना मे काम करना चाहते थे। डैनी ने पश्चिम बंगाल से सर्वश्रेष्ठ कैडेट का पुरस्कार जीता और गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में भाग भी लिया। बाद में देश के प्रतिष्ठित आर्म फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे में उनका चयन भी हो गया लेकिन उन दिनों उनका मन चिकित्सक बनने की बजाय किसी अभिनेता बनने की ओर हो गया और उन्होने पुणे फिल्म इंस्टीच्यूट में अभिनय के प्रशिक्षण के लिये दाखिला ले लिया।अभिनय का प्रशिक्षण लेने के बाद डैनी ने अपने सिने कैरियर की शुरूआत नेपाली फिल्म सलिनो से की जो टिकट खिड़की पर सुपरहिट साबित हुई। इस बीच उन्होंने नेपाली फिल्मों के लिए पार्श्वगायन भी किया। सत्तर के दशक में अभिनेता बनने का सपना लिए डैनी मुंबई आ गए। अपने वजूद को तलाशते वह लगभग तीन वर्ष तक संघर्ष करते रहे।इस बीच उन्होंने रॉखी और हथकड़ी, मिलाप, जरूरत, नया नशा, नई दुनिया नए लोग, चालाक और खून-खून जैसी कई बी ग्रेड फिल्मों में काम किया लेकिन ये सभी टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई। इस बीच उन्हें गुलजार की सुपरहिट फिल्म मेरे अपने में छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला।वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म धुंध बतौर अभिनेता डैनी के सिने करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे दबंग अपाहिज व्यक्ति का किरदार निभाया, जो अपनी पत्नी पर जुल्म करता है और उसे शक की नजर से देखता है। ठाकुर रंजीत सिंह के किरदार को सधे हुए अंदाज के साथ पेश कर वह दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे। फिल्म धुंध की सफलता के बाद डैनी को बतौर खलनायक अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए। इन फिल्मों में खोटे सिक्के, 36 घंटे, काला सोना, लैला मजनू, कालीचरण और फकीरा जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थीं। इन फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से डैनी ने दर्शको का दिल जीत लिया और फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गए।इस बीच डैनी को जे.पी.सिप्पी की फिल्म शोले में गब्बर सिंह की भूमिका निभाने का प्रस्ताव मिला। लेकिन डैनी उन दिनों फिल्म धर्मात्मा की शूटिंग में व्यस्त थे और समय नहीं रहने के कारण उन्होंने फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया।प्रेमजारी वार्ता