राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Mar 18 2025 4:59PM रोमांटिक हीरो के रूप में पहचान बनायी शशि कपूर नेजन्मदिवस 18 मार्च के अवसरमुंबई, 18 मार्च (वार्ता) बॉलीवुड में शशि कपूर का नाम एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने अपने रोमांटिक अभिनय के जरिये लगभग तीन दशक तक सिने प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन किया। 18 मार्च 1938 को जन्में शशि कपूर मूल नाम बलबीर राज कपूर का उनका रूझान बचपन से ही फिल्मों की ओर था और वह अभिनेता बनना चाहते थे।उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और भाई राजकपूर और शम्मी कपूर फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता थे। उनके पिता यदि चाहते तो वह उन्हें लेकर फिल्म का निर्माण कर सकते थे लेकिन उनका मानना था कि शशि कपूर संघर्ष करें और अपनी मेहनत से अभिनेता बनें।शशि कपूर ने अपने सिने कैरियर की शुरूआत बाल कलाकार के रूप में की। चालीस के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में काम किया। इनमें 1948 में प्रदर्शित फिल्म आग और 1951 में प्रदर्शित फिल्म आवारा शामिल है, जिसमें उन्होंने अभिनेता राजकपूर के बचपन की भूमिका निभाई। पचास के दशक में शशि कपूर अपने पिता के थियेटर से जुड़ गये। इसी दौरान भारत और पूर्वी एशिया की यात्रा पर आई बर्तानवी नाटक मंडली शेक्सपियेराना से वह जुड़ गये, जहां उनकी मुलाकात मंडली के संचालक की पुत्री जेनिफर केडिल से हुयी। वह उनसे प्यार कर बैठे और बाद में उनसे शादी कर ली। शशिकपूर ने अभिनेता के रूप में सिने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म धर्म पुत्र से की।इसके बाद उन्हे विमल राय की फिल्म प्रेम पत्र में भी काम करने का अवसर मिला लेकिन दुर्भाग्य से दोनों ही फिल्में टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयीं। इसके बाद शशि कपूर ने मेंहदी लगी मेरे हाथ, होली डे इन बांबे और बेनेजीर जैसी फिल्मों में भी काम किया लेकिन ये फिल्में भी टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गयी। वर्ष 1965 शशि कपूर के सिने करियर का अहम वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उनकी फिल्म जब जब फूल खिले प्रदर्शित हुयी। बेहतरीन गीत, संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबर्दस्त कामयाबी ने ने शशि कपूर को भी .स्टार. के रूप में स्थापित कर दिया। वर्ष 1965 मे शशि कपूर के सिने कैरियर की एक और सुपरहिट फिल्म फिल्म वक्त प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म में उनके सामने बलराज साहनी, राजकुमार और सुनील दत्त जैसे नामी सितारे थे। इसके बावजूद वह अपने अभिनय से दर्शको का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे।इन फिल्मों की सफलता के बाद शशि कपूर की छवि रोमांटिक हीरो की बन गयी और निर्माता-निर्देशकों ने अधिकतर फिल्मों में उनकी रूमानी छवि को भुनाया 1वर्ष 1965 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में शशि कपूर ने जिन फिल्मों में काम किया, उनमें अधिकतर फिल्में हिट साबित हुयीं।प्रेमजारी वार्ता