राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jun 11 2025 11:05PM महाराष्ट्र: मुंबई की अदालत ने दहेज हत्या मामले में 73 वर्षीय सास और अन्य को ठहराया दोषीमुंबई, 11 जून (वार्ता) ग्यारह साल बाद यहां की एक सत्र अदालत ने दहेज हत्या मामले में 28 वर्षीय महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में 73 वर्षीय सास और उसके दो बेटों, जिसमें मृतका का पति भी शामिल है, को सात से 10 साल की जेल की सजा सुनाई है। बुधवार को उपलब्ध करायी गयी आदेश में यह जानकारी दी गयी। महिला गुलशन आरा ने दहेज उत्पीड़न के वर्षों को सहने के बाद 2014 में अपने ससुराल में फांसी लगाकर जान दे दी थी। चार लाख रुपये की मांग के मुकाबले दो लाख 20 हजार रुपये का आंशिक दहेज भुगतान करने के बावजूद, आरा को अपने ससुराल वालों से लगातार क्रूरता का सामना करना पड़ा। अदालत ने मृतक की सास आशिया खातून को उसकी कमजोरी के कारण तत्काल अस्पताल में देखभाल के साथ सात साल की सजा सुनाई और पति और देवर को 10-10 साल की सजा सुनाई। दो अगस्त 2014 की रात आरा का अपनी भाभी सरवरी खातून से झगड़ा हुआ और रात 11.30 बजे उसने अपने पति के फोन से अपनी मां को फोन करके रोते हुए ससुराल वालों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की शिकायत की। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि इस झगड़े के बाद ही आरा ने अपनी जान देने का फैसला किया। अदालत ने अपने आदेश में आरोपी को दोषी करार देते हुए कहा, “संकट व्यक्त करने वाला फोन भारतीय दंड संहिता की धारा 304-बी (दहेज हत्या) के तहत 'मृत्यु से कुछ समय पहले' की स्थिति स्थापित करने में महत्वपूर्ण कड़ी है।” सैनीवार्ता