राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jun 15 2025 11:50AM सशक्त अभिनय और जादुई पार्श्वगायन से सिने प्रेमियों को दीवाना बनाया सुरैया नेजन्मदिवस 15 जून के अवसर परमुंबई, 15 जून (वार्ता) बॉलीवुड में सुरैया को ऐसी गायिका-अभिनेत्री के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपने सशक्त अभिनय और जादुई पार्श्वगायन से सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाया। 15 जून 1929 को पंजाब के गुजरांवाला शहर में एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी सुरैया का रूझान बचपन से ही संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। हालांकि उन्होंने किसी उस्ताद से संगीत की शिक्षा नहीं ली थी लेकिन संगीत पर उनकी अच्छी पकड़ थी। सुरैया अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। सुरैया ने प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के न्यू गर्लस हाई स्कूल से पूरी की । इसके साथ ही वह घर पर ही कुरान और फारसी की शिक्षा भी लिया करती थी। बतौर बाल कलाकार वर्ष 1937 में उनकी पहली फिल्म ..उसने सोचा था..प्रदर्शित हुयी। सुरैया को अपना सबसे पहला बड़ा काम अपने चाचा जहूर की मदद से मिला जो उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री में बतौर खलनायक अपनी पहचान बना चुके थे। वर्ष 1941 में स्कूल की छुटियों के दौरान एक बार सुरैया मोहन स्टूडियो में फिल्म ..ताजमहल.. की शूटिंग देखने गयी। वहां उनकी मुलाकात फिल्म के निर्देशक नानु भाई वकील से हुयी जिन्हें सुरैया में फिल्म इंडस्ट्री का एक उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया । उन्होंने सुरैया को फिल्म के किरदार..मुमताज महल के लिये चुन लिया। आकाशवाणी के एक कार्यक्रम के दौरान संगीत सम्राट नौशाद ने जब सुरैया को गाते सुना तब वह उनके गाने के अंदाज से काफी प्रभावित हुये। नौशाद के संगीत निर्देशन में पहली बार कारदार साहब की फिल्म ..शारदा .. में सुरैया को गाने का मौका मिला ।प्रेमजारी वार्ता