राज्य » गुजरात / महाराष्ट्रPosted at: Jun 20 2025 6:41PM हिंदी से नफरत गलत, लेकिन थोपना भी स्वीकार्य नहीं: पवारपुणे, 20 जून (वार्ता) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को भारत में भाषा विवाद को लेकर संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि हिंदी से नफरत अनुचित है लेकिन इसे जबरन थोपना भी स्वीकार्य नहीं है। श्री पवार ने पुणे में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाषा सीखने का फैसला छात्रों और उनके अभिभावकों पर छोड़ देना चाहिए। श्री पवार ने कहा, ''हिंदी से घृणा का कोई स्थान देश में नहीं है, लेकिन शिक्षा की नीतियों को जबरन लागू करना भी गलत है।'' उन्होंने कहा कि देश की लगभग 55 से 60 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है, इसलिए इसे पूरी तरह नकारना राष्ट्रीय एकता के खिलाफ हो सकता है। उन्होंने कहा, ''हिंदी सीखना विद्यार्थी की स्वेच्छा होनी चाहिए और इसका विरोध करना अनुचित है।'' श्री पवार ने यह भी कहा कि अभिभावकों को बच्चों को हिंदी सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए, लेकिन अंतिम निर्णय बच्चे का होना चाहिए। श्री पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति की चर्चा करते हुये बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए विपक्षी दल मिलकर रणनीति बनायेंगे। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और किसान मजदूर पार्टी मिलकर साझा चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।'' श्री पवार ने उद्धव ठाकरे की भूमिका को खास बताया और कहा, ''मुंबई में उद्धव ठाकरे एक प्रमुख नेता हैं तथा उनके नेतृत्व को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।''समीक्षा, मधुकांत वार्ता