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जम्मू-कश्मीर में अवैध खनन पर शिकंजा, संयुक्त निदेशक के खिलाफ कार्रवाई शुरू

जम्मू, 01 मार्च (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में अवैध खनन से निपटने के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में, जम्मू-कश्मीर सरकार ने एच एल लंगेह, संयुक्त निदेशक, भूविज्ञान एवं खनन, जम्मू के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें प्रशासनिक विभाग से जोड़ दिया है, जिससे उनकी सभी शक्तियां तत्काल प्रभाव से समाप्त हो गई है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि खनन विभाग का यह आदेश उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी के कार्यालय से प्राप्त निर्देशों के मद्देनजर आया है, जो खनन क्षेत्र में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कदम अनधिकृत खनन गतिविधियों पर बढ़ती चिंताओं को समाप्त करने के लिए उठाया है, जिससे गंभीर पर्यावरणीय क्षति और राज्य के खजाने को राजस्व की हानि हो रही है।
उन्होंने कहा कि इसके आलोक में, जम्मू-कश्मीर के भूविज्ञान एवं खनन निदेशक को अवैध खनन एवं निपटान परमिट जारी करने से संबंधित शिकायतों को संबोधित करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिससे अधिकारीगण आगे की जांच और आवश्यक सुधारात्मक उपाय शुरू कर सकें।
श्री सुरिंदर चौधरी ने मामले को संबोधित करते हुए अवैध खनन के खिलाफ सरकार के कड़े रुख को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रशासन अपने कर्तव्यों को पूरा करने में किसी भी कदाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने पुष्टि की कि अवैध खनन न केवल पर्यावरण को खतरे में डालता है, बल्कि सरकार को उचित राजस्व से भी वंचित करता है, जिससे विकास की पहल प्रभावित होती है। कठोर प्रवर्तन तंत्र की आवश्यकता पर बल देते हुए, उपमुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह किसी भी पद या स्थिति में हों।
श्री चौधरी ने लोगों से किसी भी अवैध खनन गतिविधियों की जानकारी देने में सक्रिय रूप से शामिल होने की अपील की और बल दिया कि समुदाय की सतर्कता क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जम्मू-कश्मीर में अवैध खनन एक पुराना मुद्दा रहा है, जिसमें अनियमित खनन से नदी तल, भूजल स्तर और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को व्यापक नुकसान पहुंचा है। सरकार ने सतत एवं कानूनी खनन प्रथाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी खनिज खनन गतिविधियां कानून और पर्यावरणीय मानदंडों के दायरे में संचालित हो।
उन्होंने कहा कि गैरकानूनी खनन कार्यों पर अंकुश लगाने के लिए उपग्रह निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग सहित उन्नत निगरानी प्रौद्योगिकियां लाने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भूविज्ञान एवं खनन के संयुक्त निदेशक के खिलाफ कार्रवाई एक मजबूत संदेश देता है कि सरकार लापरवाही बरतने या अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों, नियामक निकायों और स्थानीय समुदायों सहित सभी हितधारकों से अवैध खनन की समाप्ति के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया है।
प्रवक्ता ने कहा कि जवाबदेही और कानूनी प्रवर्तन पर स्पष्ट बल देने के साथ-साथ, यह कदम जिम्मेदार आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक संपदा की रक्षा के लिए नए सिरे से प्रयास को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नागरिकों को निर्धारित हेल्पलाइनों और ऑनलाइन शिकायत पोर्टलों के माध्यम से अवैध खनन के किसी भी मामले की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो शासन और पर्यावरण संरक्षण में जन भागीदारी को मजबूत करता है।
अभय अशोक
वार्ता