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खेल के क्षेत्र में भारत का अपना समृद्ध इतिहास रहा है:परमार

भोपाल, 24 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि पुरातन काल से भारत, विविध खेल विधाओं एवं पारम्परिक खेलों से समृद्ध रहा है। सामाजिक परम्पराओं और प्रचलन में खेल का समावेश था। भारत का खेल क्षेत्र में अपना समृद्ध इतिहास रहा हैं।
श्री परमार ने सोमवार को भोपाल स्थित सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी में, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वावधान में आयोजित ‘अखिल भारतीय विश्वविद्यालय रोलर स्केट्स (पुरुष एवं महिला) चैंपियनशिप 2024-25 के शुभांरभ अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि खेल के मैदान संस्कार और अनुशासन सिखाते हैं। खेल से आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता विकसित होती है। उन्होंने देश भर से पधारे खिलाड़ियों, उनके मेंटर्स और रैफरी का राजा भोज की नगरी में अभिनंदन किया।
श्री परमार ने कहा कि राजा भोज की नगरी भोपाल की अपनी अलग वैश्विक पहचान है। राजा भोज के शासन में विभिन्न मापदंडों की स्थापना हुई थी, यहां का श्रेष्ठ जल प्रबंधन उनकी दूरदर्शिता का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने विभिन्न विधाओं की विविध विभूतियों को सम्मानित किया। साथ ही संस्थान परिसर में पौधरोपण भी किया।
उन्होंने कहा कि हमारा भारत, हमारे पूर्वजों के विचार ‘ज्ञानमेव शक्ति’ के आधार पर विश्व में सर्वश्रेष्ठ था। भारत का ‘ज्ञानपुंज’ विश्व में गुंजायमान था, इसलिए भारत ‘विश्वगुरु’ की संज्ञा से सुशोभित था। भारत अपनी ज्ञान परम्परा के आधार पर विश्व मंच पर सिरमौर था। भारत के पुरातन ज्ञान को पुनः विश्व मंच पर युगानुकुल परिप्रेक्ष्य में भारतीय दृष्टिकोण के साथ, प्रस्तुत करना होगा। इसके लिए हमें हमारे पूर्वजों की गौरवशाली ज्ञान परम्परा पर गर्व का भाव जागृत कर, उनके बनाए मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
सैम ग्लोबल यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. हरप्रीत सलूजा, कुलाधिपति श्रीमति प्रीति सलूजा, कार्यकारी निदेशक सुश्री कोपल सलूजा, कुलगुरु एन.के. तिवारी एवं एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के पदाधिकारीगण सहित देश भर से पधारे प्रतिभागी खिलाड़ी, उनके मेंटर्स और प्रबंधक, विभिन्न रैफरी एवं कोच उपस्थित थे।
नाग
वार्ता