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मुख्य सचिव के रुप में जैन का कार्यकाल सबसे अधिक

रायपुर 22 जून (वार्ता) छत्तीसगढ़ के वर्तमान मुख्य सचिव अमिताभ जैन का कार्यकाल सबसे अधिक रहा है। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने उन्हें एक दिसंबर 2020 को मुख्य सचिव बनाया इसके बाद से दो बार के एक्सटेंशन के बाद अब तक मुख्य सचिव की कुर्सी पर काबिज हैं। उनकी सादगी, सहज व्यवहार और प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए वह इकलौते मुख्य सचिव है जिन्हें कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों सरकार ने एक्सटेंशन देकर के पद पर बनाए रखा हैं इसी माह 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। क्या फिर जैन को ही कुछ महीने का एक्सटेंशन दिया जाएगा,या उनके बाद किसी नए मुख्य सचिव की नियुक्ति होगी इस पर संशय के बादल छाए हुए हैं। सीएस की नियुक्ति को लेकर फिलहाल प्रशासनिक गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म है, लेकिन शासन स्तर पर अभी कोई कवायद शुरू नहीं हुई है।
वहीं मुख्य सचिव बनने की दौड़ में फिलहाल पांच वरिष्ठ आईएएस शामिल हैं। इनमें 1991 बैच की रेणु पिल्लै,1992 बैच के सुब्रत साहू,1993 बैच के अमित अग्रवाल ,और 1994 बैच के ऋचा शर्मा और मनोज पिंगुआ के नाम शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि पांचों आईएएस अफसर अपने-अपने स्तर पर सीएस बनने की जुगत में लगे हुए हैं।अगर बात करे तो रेनू पिल्ले की तो सबसे वरिष्ठ है तेज तर्रार व्यक्तित्व ,और समझौतावादी स्वभाव का नहीं होना उनके और मुख्य सचिव के पद की सबसे बड़ी अड़चन माना जा सकता है उसके बाद वरिष्ठता क्रम में नाम सुब्रत साहू का आता है जिनके नाम पर सहमति बन सकती है वहीं अमित अग्रवाल जो कि केंद्र में प्रतिनियुक्ति में है और केंद्र की पसंद तो है लेकिन राज्य सरकार के साथ सामंजस्य को लेकर परेशानी हो सकती है अब बात करे ऋचा शर्मा की तो वो और मनोज पिंगुआ दोनों 94 बेच के है ऋचा को हाल ही में दिल्ली से वापस छत्तीसगढ़ भेजा गया है वो भी तेज तर्रार अधिकारी है अब बात करे पिंगुआ की तो सबसे जूनियर है एसटी होने के कारण सीएम की पसंद हो सकते है लेकिन पिंगुआ को सीएस बनाने में जो दिक्कत है कि पिंगुआ से वरिष्ठ चार आईएएस को सरकार एकमोडेट करेगी।
अब तक 12 मुख्य सचिव बनाए गए हैं जिनकी उम्र 25 रही है लेकिन अभी तक किसी महिला को ये जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है । राज्य निर्माण के बाद बंटवारे में छत्तीसगढ़ के हिस्से में आए सबसे वरिष्ठ आईएएस अरुण कुमार प्रदेश के पहले मुख्य सचिव नियुक्त हुए। अरुण कुमार की नियुक्ति 30 अक्टूबर 2000 को हुई थी। उनका कार्यकाल 31 जनवरी 2003 तीन तक रहा। उसके बाद सुयोग्‍य कुमार मिश्रा (एसके मिश्रा) ने राज्‍य के मुख्‍य सचिव का पद संभाला।
श्री मिश्रा 20 जून 2004 तक राज्‍य के मुख्‍य सचिव रहे। मिश्रा के बाद एके विजयवर्गीय की मुख्‍य सचिव के रुप में ताजपोशी हुई। उन्‍होंने एक जुलाई 2004 को मुख्‍य सचिव का पद संभाला और 2005 में सात नवंबर तक पद पर रहे। उनके बाद आरपी बगई को राज्‍य का मुख्‍य सचिव बनाया। बगई का कार्यकाल 31 जनवरी 2007 तक रहा। बगई के बाद शिवराज सिंह को सीएस का पद सौंपा गया। श्री शिवराज 31 जुलाई 2008 तक इस पर पर रहे।
शिवराज के बाद सरकार ने पी.जाय उम्‍मेन को राज्‍य का मुख्‍य सचिव बनाया। उम्‍मेन ने 31 जुलाई 2008 को सीएस का पदभार ग्रहण किया और वह सात फरवरी 2012 तक पद पर रहे। सरकार ने उम्‍मेन को रिटायरमेंट से पहले ही पद से हटा दिया। उम्‍मेन को हटा कर राज्‍य सरकार ने सात फरवरी 2012 को सुनील कुमार को राज्‍य का मुख्‍य सचिव बनाया। सुनील कुमार 28 फरवरी 2014 तक इस पर पर रहे।
सुनील कुमार के बाद छत्‍तीसगढ़ मूल के विवेक ढांढ को मुख्‍य सचिव बनाया गया। ढांढ ने 28 फरवरी 2014 को मुख्‍य सचिव की कुर्सी संभाली और 11 जनवरी 2018 तक पद पर रहे। जनवरी 2018 में तत्‍कालीन बीजेपी सरकार ने अजय सिंह को राज्‍य का अगला मुख्‍य सचिव बनाया। इसके बाद अमिताभ जैन को कांग्रेस ने मुख्य सचिव की जिम्मेदारी जिनका कार्यकाल सबसे लंबा रहा है।
सं.संजय
वार्ता