राज्य » अन्य राज्यPosted at: Feb 19 2024 1:25PM संसद लोकतांत्रिक तरीके से काम करेगी, तभी लोकतंत्र जीवित रहेगाः तलपात्राअगरतला, 19 फरवरी (वार्ता) ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुभाशीष तलपात्रा ने सोमवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र तभी जीवित रहेगा, जब संविधान का संरक्षक उच्चतम न्यायालय संविधान में निर्धारित तरीके से काम करेगा, संसद लोकतांत्रिक तरीके से काम करेगी, अधिकारी कल्याणकारी दिशा की ओर काम करेंगे और मीडिया स्वतंत्र रूप से काम करेगा।न्यायमूर्ति तालापात्रा ने यहां अखिल भारतीय वकील संघ, त्रिपुरा इकाई द्वारा आयोजित संगोष्ठी में ये बातें कही। उन्होंने कहा, “भारतीय लोकतंत्र एक नाजुक स्थिति में पहुंच गया है और संविधानवाद लगभग नष्ट हो गया है। संरचनात्मक रूप से इसका अस्तित्व तो है, लेकिन इसने अपना साहस खो दिया है। मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि भारत तब तक जीवित नहीं रह पाएगा, जब तक वह संघवाद और धर्मनिरपेक्षता के चरित्र की रक्षा नहीं करेगा तथा लाखों बेरोजगारों को रोजगार पाने में मदद नहीं करेगा।'' उन्होंने कहा कि जो कोई भी राजनीतिक रूप से खुद को सुपर शक्तिशाली महसूस कर रहा है, वह अपने लोकतांत्रिक संस्थानों और आत्मा की रक्षा किए बिना भारत की रक्षा नहीं कर सकता है। "The people framed the constitution through their representatives after independence with a lot of hopes and aspirations; time has come to get reunited again to ensure exercising those rights enshrined by the constitution,” Justice Talapatra attributed. Without naming anybody, he said, “I felt ashamed on that day when an elected Prime Minister attended the swearing-in ceremony by a private aircraft of a multi-millionaire. Visibly, what we are seeing is a crafted democracy by the capitalists. A business organisation started its journey in 2003, and by the end of 2022, it had become the richest group in the country at the behest of the governments it influenced.न्यायमूर्ति तलपात्रा ने कहा, "आजादी के बाद लोगों ने बहुत सारी आशाओं और आकांक्षाओं के साथ अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से संविधान बनाया है। अब समय आ गया है कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग सुनिश्चित करने के लिए फिर से एकजुट हुआ जाए।" उन्होंने कहा, "मुझे उस दिन शर्मिंदगी महसूस हुई, जब एक निर्वाचित प्रधानमंत्री करोड़ रुपये के एक निजी विमान से शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। हम जो देख रहे हैं वह पूंजीपतियों द्वारा तैयार किया गया लोकतंत्र है। एक व्यापारिक संगठन ने 2003 में अपनी यात्रा शुरू की और 2022 के अंत तक सरकारों के शह पर यह देश का सबसे अमीर समूह बन गया। सरकार ने शर्मनाक तरीके से उन्हें देश लूटने की इजाजत दी और अब वह एशिया में सबसे अमीर परिवार बनकर उभरा है।”न्यायमूर्ति तलपात्रा ने बताया कि जब संसद में एक विशेष व्यापारिक घराने के खिलाफ जांच की मांग की गई, तो पूरी ट्रेजरी बेंच उसके पक्ष में खड़ी हो गई, जो आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि देश को इस आश्वासन की जरूरत है कि नागरिक जो कुछ भी सोचते हैं उसे निडर होकर व्यक्त कर सकें। संसद में लोगों के प्रतिनिधि उनकी पीड़ाओं को उठा सकें, चुनी हुई सरकार को उनका ध्यान रखना चाहिए। श्रद्धा, संतोष वार्ता