राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 19 2024 4:13PM उत्तराखंड स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी नन्द कानन वन एक जून से खुलेगाचमोली, 19 मई (वार्ता) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी ट्रेक पहली जून से पर्यटकों के लिए खोल दी जाएगी। यह ट्रेक अपने फूलों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह घाटी दुर्लभ हिमालयी वनस्पतियों से समृद्ध है और जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां 500 से अधिक प्रजाति के रंग बिरंगी फूल खिलते है। प्रकृति प्रेमियों के लिए फूलों की घाटी से टिपरा ग्लेशियर, रताबन चोटी, गौरी और नीलगिरी पर्वत के बिहंगम नजारे भी देखने को मिलते है। फूलों की घाटी 30 अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।उप वन संरक्षक, बीबी मर्तोलिया ने ‘यूनीवार्ता’ को बताया कि फूलों की घाटी के लिए पर्यटकों का पहला दल पहली जून को घांघरिया बेस कैंप से रवाना किया जाएगा। पर्यटकों को फूलों की घाटी का ट्रैक करने के बाद उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना होगा। जहां उनके ठहरने की समुचित व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वैली ऑफ फ्लावर ट्रैकिंग के लिए देशी नागरिकों को 200 रुपये तथा विदेशी नागरिकों के लिए 800 रुपये ईको ट्रेक शुल्क निर्धारित किया गया है। ट्रैक को सुगम और सुविधाजनक बनाया गया है। फूलों की घाटी के लिए बेस कैंप घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी रहेगी।उल्लेखनीय है कि यूनेस्को ने हिमालय के उत्तराखंड मे स्थित फूलों की घाटी को विश्व धरोहर घोषित किया था। यूरोपियन लेखक और प्रकृति के यायावर फ्रेंक स्माइथ ने ‘वेली आफ फ्लावर’ के शीर्षक से भारत के हिमालय में स्थित फूलों के अदभुत संसार पर एक पुस्तक लिखी। जिसके बाद दुनिया की नजर फूलों की पर गया। शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, यही वह प्राकृतिक सौंदर्य तथा फूलों एवं वनाषौधियों का क्षेत्र है, जिसे नन्द कानन वन कहा जाता है। बदरीनाथ के पूर्व धर्माधिकारी भुवन उनियाल बताते हैं कि इस नन्द कानन वन में देवता निवास करते हैं।सं.संजय वार्ता