राज्य » अन्य राज्यPosted at: Jun 6 2024 7:19PM अरबिंदो फार्मा ने हैदराबाद में एमएनजे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी में नया ब्लॉक स्थापित कियाहैदराबाद 06 जून (वार्ता) तेलंगाना के हैदराबाद में अरबिंदो फार्मा फाउंडेशन (एपीएफ) ने यहां एमएनजे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी एंड स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में एक नया ब्लॉक स्थापित किया है।फाउंडेशन ने गुरुवार को यहां एक विज्ञप्ति में कहा कि अस्पताल में मुफ्त जीवन रक्षक बोन मैरो ट्रांसप्लांट (बीएमटी) कराने वाले मरीजों की संख्या में चार गुना वृद्धि देखी गई।एमएनजे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी के लिए नवनिर्मित अरबिंदो ऑन्कोलॉजी ब्लॉक के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कृष्ण चैतन्य ने कहा, ''फाउंडेशन द्वारा स्थापित नए ब्लॉक के शुरू होने के बाद जून 2023 से हमने कैंसर रोगियों पर 55 मुफ्त बीएमटी और 72 अनुवर्ती मामलों का प्रदर्शन किया है।” उन्होंने बताया कि पिछले 10 महीनों में न केवल तेलंगाना और आंध्र प्रदेश, बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे अन्य राज्यों से भी 1.35 लाख से अधिक मरीजों ने कैंसर का इलाज कराया है।डॉ. चैतन्य ने कहा कि नए ब्लॉक ने कीमोथेरेपी से गुजरने वाले रोगियों के लिए प्रतीक्षा अवधि को 48 घंटे से घटाकर 06 घंटे से भी कम करने में काफी मदद की है। इसके अतिरिक्त मोबाइल स्क्रीनिंग बस के माध्यम से आयोजित प्राथमिक स्क्रीनिंग शिविरों से 1.5 प्रतिशत रोगियों में प्रारंभिक चरण के कैंसर का पता लगाने में मदद मिली है।बीएमटी एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो अस्वस्थ अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं से बदलने के लिए की जाती है। यह प्रत्यारोपण ल्यूकेमिया और मल्टीपल मायलोमा जैसी स्थितियों से पीड़ित कैंसर रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।अरबिंदो फार्मा की परोपकारी एवं सीएसआर शाखा एपीएफ ने 80 करोड़ रुपये की लागत से 300 बिस्तरों वाले अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी ब्लॉक का निर्माण किया। अस्पताल तेलंगाना और पड़ोसी राज्यों के रोगियों को सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी और उपशामक देखभाल सहित सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।अरबिंदो फार्मा फाउंडेशन के निदेशक, अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के. नित्यानंद रेड्डी के अनुसार, ''अरबिंदो फार्मा फाउंडेशन द्वारा एमएनजे इंस्टीट्यूट ऑफ ऑन्कोलॉजी में नए ऑन्कोलॉजी ब्लॉक की स्थापना तेलंगाना में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।''इस पहल ने न केवल गंभीर कैंसर उपचारों तक पहुंच का विस्तार किया है, बल्कि स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि अधिक रोगियों को समय पर और प्रभावी देखभाल मिले।जांगिड़, यामिनीवार्ता