Thursday, Mar 27 2025 | Time 19:59 Hrs(IST)
राज्य » अन्य राज्य


गुलमा क्षेत्र को जीटीए में शामिल करने के लिए अजय एडवर्ड्स की पहल

दार्जिलिंग 20 जनवरी (वार्ता) पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के गुलमा क्षेत्र को गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) में शामिल करने की मांग अब जोर पकड़ रही है। इंडियन गोरखा जनशक्ति फ्रंट (आईजीजेएफ) के प्रमुख संयोजक अजय एडवर्ड्स ने इस मुद्दे को प्राथमिकता से उठाने का संकल्प लिया है।
हाल ही में गुलमा में यूथ फ्रंट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में श्री एडवर्ड्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए कहा,“गुलमा हमारी किपट (पारंपरिक भूमि) है। अतीत और वर्तमान जीटीए प्रशासकों की लापरवाही के कारण गोरखा समुदाय ने अपनी किपट खो दी है।” उन्होंने बताया कि जस्टिस श्यामल सेन आयोग ने जीटीए गठन से पहले ही गुलमा और पूर्व कराइबाड़ी को जीटीए के अधीन लाने की सिफारिश की थी। हालांकि, उस समय के प्रशासकों ने इस सिफारिश को अनदेखा कर दिया।
श्री एडवर्ड्स ने यह स्पष्ट किया कि आईजीजेएफ अब इस मुद्दे को पूरी ताकत और प्राथमिकता के साथ हल करने का प्रयास करेगी।
गुलमा क्षेत्र, जो वर्तमान में सिलीगुड़ी कमिश्नरी के अधीन है, में गोरखा समुदाय बहुसंख्यक है। इस वजह से स्थानीय जनता ने भी इस क्षेत्र को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में शामिल करने की मांग की है। गुलमा के नागरिकों का मानना है कि उनकी सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति जीटीए के तहत आने से बेहतर हो सकती है।
श्री एडवर्ड्स ने इस संदर्भ में जनता की भावनाओं का समर्थन करते हुए कहा,“यह केवल एक प्रशासनिक बदलाव का मुद्दा नहीं है, बल्कि गोरखा समुदाय के सांस्कृतिक अधिकार और स्वाभिमान से जुड़ा मामला है।”
जनता की इस मांग और श्री एडवर्ड्स की पहल के कारण यह विषय क्षेत्र में चर्चा का प्रमुख केंद्र बन गया है। आईजीजेएफ ने यह भी संकेत दिया है कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकारों से बातचीत शुरू करेंगे ताकि गुलमा को जीटीए में शामिल करने का सपना साकार हो सके।
गुलमा और सिलीगुड़ी क्षेत्र के गोरखा समुदाय ने इस प्रयास को व्यापक समर्थन दिया है। स्थानीय जनता ने क्षेत्रीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व से मांग की है कि गुलमा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे जीटीए में शामिल किया जाए।
आईजीजेएफ ने इस संबंध में अपनी रणनीति को और मजबूत करने का संकेत दिया है। पार्टी ने जनता से सहयोग मांगा है और क्षेत्रीय संगठनों को इस पहल में साथ आने का आह्वान भी किया है।
सं.संजय
वार्ता