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सीएस को आपदा से होने वाली मौतों के लिए एसओपी तैयार करने का निर्देश

केंद्रपाड़ा, 10 फरवरी (वार्ता) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने ओडिशा के मुख्य सचिव को राज्य में बिजली और तूफान से होने वाली मौतों तथा घायल परिवारों को मुआवजा देने एवं सहायता प्रदान करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने का निर्देश दिया है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी द्वारा दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए एनएचआरसी ने पिछले शुक्रवार को यह आदेश पारित किया।
अपने आदेश में, एनएचआरसी ने कहा,“त्रिपाठी ने बिजली गिरने से होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के लिए विस्तार से कई कदमों का सुझाए दिया था। शिकायतकर्ता ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा और सहायता प्रदान करने के लिए एक एसओपी बनाने पर भी बल दिया। चूंकि, ओडिशा सरकार मृत्यु दर को कम करने की दिशा में काम कर रही है इसलिए आयोग का विचार है कि शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत सुझावों पर, इस संबंध में आगे की नीतिगत काम के लिए, ओडिशा सरकार द्वारा विचार किया जा सकता है।”
याचिकाकर्ता ने बिजली और आंधी के कारण होने वाली मौतों का मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्रपाड़ा, बालासोर, भद्रक और ढेंकनाल जिलों से बिजली और वज्रपात के कारण मौत की घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि उन्होंने अफसोस व्यक्त किया कि सरकार ने अभी तक बिजली से संबंधित मौतों को कम करने के लिए कोई कार्य योजना नहीं बनाई है।
एनएचआरसी की नोटिस के अनुसार, ओडिशा सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि गांव स्तर पर बिजली जागरूकता पर स्ट्रीट प्ले/लोक नृत्य, ओड़िया भाषा में 'करें' और 'न करें' के बैनर का प्रदर्शन किया जा रहा है ताकि बिजली और आंधी-तूफान के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।
बिजली और तूफान पर स्कूल और कॉलेज स्तर का जागरूकता कार्यक्रम, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, और स्थानीय युवा क्लब/संघ/एनजीओ/सीबीओ के साथ जागरूकता बैठकें चल रही हैं।
आकाशीय बिजली और वज्रपात पर पूर्व चेतावनी देने के लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ आकाशीय बिजली और वज्रपात जागरूकता बैठक आयोजित की गई है।
ओडिशा राहत संहिता की धारा 3(1) के अंतर्गत ‘बिजली’ को प्राकृतिक आपदा की मान्यता दी गई है और ओडिशा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ओएसडीएमए) द्वारा इसे ‘राज्य विशिष्ट आपदा’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
श्री त्रिपाठी ने अपनी प्रतिक्रिया में बिजली गिरने से होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता और शिक्षा जैसे कदमों पर विस्तार से सुझाव दिया।
याचिकाकर्ता ने पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा और समर्थन प्रदान करने के लिए एक स्पष्ट और प्रभावी एसओपी तैयार करने का सुझाव दिया।
अभय.संजय
वार्ता
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