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भाजपा सांसद सूर्या ने की एचएएल की सराहना

बेंगलुरु, 13 फरवरी (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद तेजस्वी सूर्या ने गुरुवार को स्वदेशी विमान निर्माण में उपलब्धियों के लिए राज्य संचालित एयरोस्पेस दिग्गज हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की सराहना करते हुए एचटीटी-40 ट्रेनर विमान को भारत की आत्मनिर्भरता और तकनीकी कौशल का प्रतीक बताया।
श्री सूर्या का यह बयान एचएएल के लड़ाकू विमान तेजस के उत्पादन में देरी पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह की ओर से चिंता जताये जाने के बाद आया है।
श्री सूर्या ने एयरो इंडिया के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एचएएल निर्मित विमान, जो वर्तमान में पायलट प्रशिक्षण के लिए भारतीय वायुसेना द्वारा उपयोग किया जाता है, आत्मनिर्भरता की सफलता का उदाहरण है और सही नेतृत्व तथा संस्थागत समर्थन के तहत भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा, “एचटीटी-40 भारत का गौरव और बेंगलुरु का गौरव है। यह इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि सही नेतृत्व और हमारे वैज्ञानिक संस्थानों के अटूट समर्थन से देश क्या हासिल कर सकता है।”
श्री सूर्या ने एचटीटी-40 की उथल-पुथल भरी यात्रा पर प्रकाश डाला और आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के 2012 में 2,800 करोड़ रुपए में पिलाटस ट्रेनर विमान खरीदने के फैसले के कारण परियोजना को असफलताओं का सामना करना पड़ा। सौदा जांच के दायरे में आया और 2019 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के बाद खरीद में शामिल स्विस फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया।
सांसद ने कहा, “एचटीटी-40 का विकास लगभग बंद कर दिया गया था, जिससे स्वदेशी विमान बनाने की भारत की महत्वाकांक्षा को गहरा झटका लगा। 2014 के बाद ही, प्रधानमंत्री की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल और तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के दृढ़ प्रयासों के साथ, एचएएल को परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक बजटीय समर्थन और स्वतंत्रता मिली।”
श्री सूर्या ने कहा कि एचटीटी-40 को रिकॉर्ड 40 महीनों में विकसित किया गया था, आवश्यक प्रमाणन प्राप्त किया गया था और वर्ष 2016 में श्री पर्रिकर ने एचएएल के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना करते हुए व्यक्तिगत रूप से इसकी पहली उड़ान देखी थी।
तेजस कार्यक्रम में डिलीवरी में देरी पर हालिया चिंताओं के बावजूद, एचएएल ने खुद को वैश्विक रक्षा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना जारी रखा है। आयातित प्रशिक्षण विमान को प्रतिस्थापित करने के लिए विकसित एचटीटी-40 को इसके आधुनिक डिजाइन और क्षमता के लिए सराहा गया है। अक्टूबर 2022 में, रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने भारतीय वायु सेना के लिए 70 एचटीटी-40 विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी, जिससे एचएएल की विनिर्माण क्षमता में विश्वास मजबूत हुआ।
समीक्षा, यामिनी
वार्ता