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सीमा पार कर भारत में घुसे दो रोहिंग्या नागरिक गिरफ्तार

कूचबिहार 11 मार्च (वार्ता) पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में मथाभंगा सीमा से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वाले दो रोहिंग्या नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में नकदी भी बरामद की गई है।
प्राथमिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति म्यांमार के राखिन प्रांत के निवासी हैं। वहां से वे कुछ साल पहले बंगलादेश के कॉक्स बाजार में अवैध रूप से घुसपैठ कर गए थे। गिरफ्तार आरोपियों में शामिल रेडवान (24) ने बताया कि म्यांमार में उन्हें गोली मारी गई थी, जिसके बाद वह वहां से भागकर बंगलादेश पहुंचे थे।
हाल ही में उन्होंने नेपाल में अपने रिश्तेदारों के पास जाने की योजना बनाई थी। इसके लिए उन्होंने बंगलादेशी दलाल को 40,000 टका देकर भारत में घुसने की कोशिश की, लेकिन जैसे ही वे सीमा पार कर भारत में घुसे, पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। यह घटना मथाभंगा सीमा के धापरा बाजार इलाके में हुई। स्थानीय लोगों ने जब एक पुरुष और एक महिला को संदिग्ध अवस्था में देखा, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर रेडवान और फारमीना अख्तर (27) को गिरफ्तार कर लिया।
मथाभंगा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप गोराई ने मंगलवार को यहां बताया,“हमने एक पुरुष और एक महिला को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वे म्यांमार के नागरिक हैं। उन्हें अदालत में पेश कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इनका इरादा भारत होते हुए नेपाल जाने का था।”
पश्चिम बंगाल में पहले से ही बड़ी संख्या में रोहिंग्या मौजूद होने की खुफिया विभाग पुष्टि करता है, लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से रोहिंग्या घुसपैठिए पकड़े जा रहे हैं, उसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। क्षेत्र के स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यह इलाका किसी अन्य राज्य का हिस्सा होता, तो सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी हो सकती थी। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण यहां रोहिंग्या घुसपैठ की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हो रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है। यदि इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती बन सकती है।
सं.संजय
वार्ता